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Search Result : "मीडिया की उपज"

‘आखिर महाराज देखना क्या चाहते थे, जनता को बताएं?’

‘आखिर महाराज देखना क्या चाहते थे, जनता को बताएं?’

सोशल मीडिया पर उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराज का एक विवादित वीडियो वायरल हो रहा है। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में पुलिस कार्रवाई के दौरान एक लड़की के साथ कथित तौर पर मारपीट एवं बलात्कार की कोशिश की गई। बताया जा रहा है कि जख्म दिखाने के लिए उस लड़की को सभी के सामने जींस के बटन खोलने के लिए कहा गया। आरोप है कि महाराज ने लड़की की जींस के बटन खुलवाकर उसके जख्म देखने चाहे। इसे लेकर सोशल मीडिया पर साक्षी महाराज की तीखी आलोचना हो रही है। कोई इसे गंदी बात लिख रहा है तो कोई शर्मनाक बता रहा है।
बुंदेलखंड के लिए केंद्र की भेजी जल ट्रेन निकली खाली, जांच के आदेश

बुंदेलखंड के लिए केंद्र की भेजी जल ट्रेन निकली खाली, जांच के आदेश

सूखाग्रस्त बुंदेलखंड के लोगों को राहत पहुंचाने के मकसद से केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई जल ट्रेन खाली निकली है। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ने केंद्र के भेजे पानी के टैंकरों को स्वीकारने से मना कर दिया था।
सरकार के दो साल: 70 फीसदी चाहते हैं मोदी पीएम बने रहें

सरकार के दो साल: 70 फीसदी चाहते हैं मोदी पीएम बने रहें

मोदी सरकार के दो साल पूरे होने वाले हैं और इस बीच आज एक नए सर्वेक्षण में कहा गया है कि करीब आधे प्रतिभागी (49 प्रतिशत) अपने जीवन स्तर में कोई बदलाव महसूस नहीं करते, वहीं अन्य 15 प्रतिशत को लगता है कि हालात दरअसल बदतर हो गए हैं।
चर्चाः मीडिया को बख्‍शा नहीं जाए | आलोक मेहता

चर्चाः मीडिया को बख्‍शा नहीं जाए | आलोक मेहता

सत्ताधारियों को तलवार लटकाना बहुत अच्छा लगता है। इसी तरह मीडिया का एक वर्ग सदा यह समझता रहा है कि वह सर्वश‌िक्‍तमान है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ सत्ता को बनाने-बिगाड़ने और देश की दशा तय करने का काम कर सकता है। यह दोनों प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्‍था में अनुचित है।
मीडिया उद्योग से जुड़े राहुल जौहरी बने बीसीसीआई के पहले सीईओ

मीडिया उद्योग से जुड़े राहुल जौहरी बने बीसीसीआई के पहले सीईओ

भारतीय क्रिकट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने आज एक अहम फैसला लेते हुए राहुल जौहरी को संस्था का मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया। राहुल जौहरी मीडिया उद्योग के जाने-पहचाने नाम हैं जिनके पास मीडिया क्षेत्र में 20 सालों का लंबा अनुभव है।
चर्चाः लिबास नहीं काम देखो | आलोक मेहता

चर्चाः लिबास नहीं काम देखो | आलोक मेहता

सोशल मीडिया से जागरुकता बढ़नी चाहिए अथवा संकीर्ण विचारों को फैलाया जाए? यह सवाल विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज की ईरान यात्रा के दौरान राष्‍ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात के दौरान पहनी लिबास पर सोशल मीडिया में चली निरर्थक बहस से उठता है।
90 वर्षीय रोजी गोलमान 'बच्चों के नोबल पुरस्कार' के लिए नामांकित

90 वर्षीय रोजी गोलमान 'बच्चों के नोबल पुरस्कार' के लिए नामांकित

जर्मनी में अंधेरी-हिल्फे संगठन की 90 वर्षीय संस्थापक रोजी गोलमान को वर्ल्ड्स चिल्ड्रेन्स प्राइज के लिए नामांकित किया गया है। लाखों बच्चे मिलकर इस पुरस्कार के विजेता का चुनाव करेंगे जिसे पूरी दुनिया की मीडिया द्वारा चिल्ड्रेंस नोबल प्राइज कहा जाता है।
भारत में असहिष्णुता का माहौल नहीं: जेटली

भारत में असहिष्णुता का माहौल नहीं: जेटली

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारत में अलग-अलग राजनीतिक दल के लोगों के गैर जिम्मेदाराना बयान देने जैसी छिटपुट घटनाएं हो सकती हैं लेकिन इसे देश में असहिष्णुता के माहौल के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। वरिष्ठ भाजपा नेता ने इस तरह की घटनाओं को बहुत खराब बताया लेकिन कहा कि भारत जैसे बड़े देश में ये बहुत कम होती हैं।
एनआईटी: छात्रों ने परीक्षाएं टालने की मांग की

एनआईटी: छात्रों ने परीक्षाएं टालने की मांग की

एनआईटी श्रीनगर परिसर में तनाव के बीच दूसरे राज्यों के छात्रों ने मांग की है कि स्थिति के सामान्य होने तक सोमवार से शुरू हो रही परीक्षाओं सहित संस्थान में शिक्षण गतिविधियों को टाल दिया जाना चाहिए। दूसरे राज्यों के विद्यार्थियों में लड़कियां भी शामिल हैं और वे विरोध प्रर्दशन कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि कालेज और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि उनकी मांग पर चर्चा संभव नहीं है।
खोजी पत्रकारिता की असलियत

खोजी पत्रकारिता की असलियत

'पनामा पेपर्स’ ने विकीलीक्स‍ से ज्यादा विश्वभर में हलचल पैदा की है। भारत में भी क्योंकि 500 से ज्यादा भारतीयों के विदेशी कंपनियों में हिस्सेदारी होने के कागजातों का खुलासा हुआ है। लेकिन मेरा मानना है कि यह भारतीय खोजी पत्रकारिता की बहुत अच्छी मिसाल नहीं है। कारण दुनिया भर के तथाकथित खोजी पत्रकारिता के 'स्टार अलाइंस’ ने जो दस्तावेज एकत्रित किए, उनको हमारे अखबारों ने हूबहू छाप दिया है। उनकी आगे से कोई खोजबीन नहीं की। मीडिया अब भी, ज्यादातर घटनाओं में, सरकारी एजेंसियों एवं कचहरी द्वारा प्राप्त किए कागजातों को अपने सूत्रों के हवाले से छापकर वाहवाही लूटने की कोशिश करता है। ज्यादातर 'खोजी खबरें’ प्लेट में सजी-सजाई मिलती हैं।
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