बांग्लादेश में आंतकी हमलों के बाद से चर्चा में आए पीस टीवी का केंद्र मुंबई है। दफ्तर दुबई में है। दुनिया के दो सौ से अधिक देशों में टेलीकास्ट किया जाता है।
कांग्रेस नेता जयेश शाह ने 'फेंकूजी हैव दिल्ली मा (फेंकू जी दिल्ली में हैं)' शीर्षक से किताब लिखी है। किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाया गया है। अहमदाबाद कोर्टने इस गुजराती पुस्तक की बिक्री पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। सिविल अदालत के जज एएम दवे ने संविधान के अनुच्छेद 19 का हवाला देते हुए बैन की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है।
सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि गे, लेस्बियन और बायसेक्सुअल को तीसरा जेंडर नहीं माना गया है। कोर्ट ने अप्रैल 2014 में थर्ड जेंडर को लेकर दिए अपने फैसले को स्पष्ट करते हुए कहा कि सिर्फ ट्रांसजेंडर को ही तीसरे थर्ड जेंंडर के रूप में पहचान दी गई है।
विशेष अदालत ने शराब व्यवसायी विजय माल्या से कहा है कि व़ह 29 जुलाई को कथित बैंक रिण धोखाधड़ी मामले में उनके खिलाफ धनशोधन मामले की चल रही जांच के सिलसिले में पेश हों। विशेष न्यायाधीश ने कहा कि वह फरार हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए छिप रहे हैं।
देश की शीर्ष अदालत आगामी 29 जून को एक याचिका के आधार पर मैसेजिंग प्लेटफार्म व्हाटसएप पर प्रतिबंध लगाने की मांग पर सुनवाई करेगा। याचिका में व्हाटसएप की इंड टू इंड एन्क्रिप्शन को देश के लिए खतरनाक बताया गया है। याचिका में कहा गया है कि इंड टू इंड एन्क्रिप्शन सर्विस आतंकवादियों को एक ऐसा कम्युनिकेशन टूल देती है, जिसको रोकना असंभव है।
एस्सार फोन टैपिंग कांड में केंद्र सरकार जांच का आदेश दे सकती है। बताया जा रहा है कि एस्सार समूह के कथित शह पर की गई अवैध टैपिंग में सरकार बंद हो चुकी हचिसन टेलीकॉम और मुंबई पुलिस की भूमिका की जांच एक केंद्रीय एजेंसी से करवा सकती है।
लंदन में पन्द्रह साल के एक लड़के के ‘असामाजिक’ व्यवहार का पता लगाने के लिए उसे जीपीएस टैग पहनाया गया है। इस प्रकार के टैग वाला यह ब्रिटेन का पहला लड़का हो गया है।
पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने महानगर में नेताओं द्वारा हड़प ली गई खुली जगहों को बचाने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस के हस्तक्षेप की मांग करते हुए एक ऑनलाइन याचिका की शुरआत की है।
एसआईटी की विशेष अदालत ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में हुए नरसंहार में षडयंत्र के किसी भी पहलू से इनकार करते हुए कहा कि कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी द्वारा चलाई गई गोलियों ने भीड़ को उकसाया और वह गुस्सा हो गई, नतीजन इतने बड़े पैमाने पर हत्याएं हुईं। अदालत ने हालांकि कहा कि गोलीबारी के कारण भीड़ की इस करतूत को माफ नहीं किया जा सकता है।
वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में भड़के दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में पूर्व कांग्रेस सांसद अहसान जाफरी समेत 69 लोगों को मौत के घाट उतारने के आरोप में एसआईटी की विशेष अदालत ने 11 दोषियों को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।