पेट्रोलियम मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि कंपनी पर कुल जुर्माना, जो कि अप्रैल 2010 से छह वर्ष में इस परियोजना में प्रोडक्शन टारगेट से पीछे रहने के कारण, 3.02 अरब डॉलर का लगाया जा चुका है।
क्या इंदु सरकार फिल्म रीलिज होने का यह सबसे मुफीद वक्त है। फिल्म और राजनीति का रिश्ता पुराना है। राजनैतिक घटनाओं पर फिल्में बनती रही हैं और फिल्मी संवादों को बहुत बार संसद में दोहराया गया है। फिल्म का ट्रेलर देख कर लग रहा है कि कांग्रेस की सबसे सशक्त प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कई ऐतिहासिक फैसलों और कामों को छोड़कर सिर्फ आपातकाल के मुद्दे को दिखाना कहीं फिल्मों के जरिए राजनैतिक फायदा उठाना तो नहीं है। अब तक इस ट्रेलर को देख कर चुप्पी भी बहुत सी कहानियों को जन्म दे रही है।
डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, स्क्रीन राइटर, कॉस्ट्यूम डिजाइनर और एक एक्टर के तौर पर अपना हुनर दिखाने वाले करण जौहर आज 44 साल के हो गए हैं। करण बॉलीवुड के एक ऐसे निर्देशक हैं जिन्होंने आज की युवा पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए फिल्मों का निर्माण किया। फिर चाहे बात ‘कुछ कुछ होता है’ की हो या फिर ‘स्टूडेंट ऑफ दि ईयर‘ की हो। करण जौहर ने एक से बढ़कर एक अच्छी फिल्में निर्देशित की हैं।
कनाडा के गायक जस्टिन बीबर आठ मई को मुंबई पहुंच रहे हैं। यहां वह अपने जियो जस्टिन बीबर पर्पस वर्ल्ड टूर के लिए आ रहे हैं। भारत में कार्यक्रम कराने की जिम्मेदारी वाइट फॉक्स इंडिया की है। तैयारियां पूरी हैं सिवाय इसके कि उनकी मेजबानी कौन करेगा।
अभिनेता विनोद खन्ना के अंतिम संस्कार में आज के पीढ़ी के स्टार नहीं पहुंचे। गुजरे जमाने के कुछ चुनिंदा कलाकारों और निर्माताओं को छोड़कर आज का कोई बड़ा स्टार वर्ली के श्मशान घाट में नहीं दिखा।
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और राजनेता विनोद खन्ना ने गुरुवार को सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे। उन्होंने बॉलीवुड की करीब 140 फिल्मों में काम किया। गुरदासपुर से 4 बार भाजपा के सांसद रहे। उनके परिवार ने बताया कि शरीर में पानी की कमी होने के कारण विनोद खन्ना पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे, जिसके कारण उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां कई डॉक्टरों की देखरेख में उनका इलाज चल रहा था। वे कैंसर से भी पीड़ित थे।
उनकी अदा में दम था, अदाकारी में दम था फिर ऐसा क्या कम था कि विनोद खन्ना सुपर सितारा का दर्जा हासिल नहीं कर पाए। एक अच्छा अभिनेता क्या इसलिए संन्यासी हो गया या फिर संन्यासी होना इसके स्वभाव में था जो सब त्याग कर अपने करिअर की ऊंचाईयों को छोड़ कर आश्रम चल दिया।