देश के सामाजिक ताने-बाने को हमेशा के लिए बदल कर रख देने वाले 1984 के सिख विरोधी दंगों की रोंगटे खड़े करने वाली दास्तां को कहानियों के रूप में एक नई किताब में पेश किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने जैशे मोहम्मद के तीन कथित सदस्यों के खिलाफ दायर आरोपपत्रों में अदालत से कहा है कि गुजरात और मुजफ्फरनगर दंगों ने युवाओं को भारत में आतंकवाद में शामिल होने के लिए उकसाया।
अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के लिए एक अच्छी खबर है। दिल्ली की दो रामलीला समितियों ने नवाजुद्दीन को अपनी रामलीला में भूमिका देने की पेशकश की है। दरअसल अपने शहर मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना की रामलीला में उनके भागे लेने का विरोध किए जाने पर नवाज ने निराश होते हुए कहा था कि रामलीला में अभिनय करना उनके बचपन का सपना है।
समाजवादी पार्टी के राज में उत्तर प्रदेश एक बार फिर अपराध के मामले में शीर्ष पर पहुंच गया है। यह आरोप किसी विरोधी राजनीतिक पार्टी ने नहीं लगाया है बल्कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े यह आरोप लगा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आज़म खान ने भाजपा पर एक बड़ा हमला बोला है। उन्होंने प्रदेश के स्याना में एक समारोह में से इतर पत्रकार वार्ता में कहा कि भाजपा पूरे देश का माहौल खराब कर रही है। यूपी में चुनाव के लिए भाजपा को कोई मुद्दा मिल नहीं रहा है। लिहाजा वह यूपी में दंगे कराने की फिराक में है।
मुजफ्फरनगर के दंगों की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म शोरगुल देश के अलग-अलग हिस्सों में दिखाई जा रही है लेकिन मेरठ और मुजफ्फरनगर के लोग यह फिल्म नहीं देख पा रहे हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि सपा और भाजपा की अंदरूनी मिलीभगत के कारण ही साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल खराब होता है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में एक भाजपा विधायक और सपा के एक नेता षड्यंत्र रचने जा रहे हैं कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले साम्प्रदायिक दंगे कराए जाएं, ताकि उसकी आग पूरे प्रदेश में फैल जाए और उसका सियासी फायदा उठाया जा सके।
साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद 50,000 मुसलमानों के पलायन करने का दावा करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को भाजपा से कहा कि क्या वह वहां एक तथ्यान्वेषी टीम भेजेगी, जैसा कि इसने हिंदुओं के कथित पलायन के मुद्दे पर कैराना भेजी है।
वर्ष 2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में भड़के दंगों के दौरान गुलबर्ग सोसायटी में पूर्व कांग्रेस सांसद अहसान जाफरी समेत 69 लोगों को मौत के घाट उतारने के आरोप में एसआईटी की विशेष अदालत ने 11 दोषियों को मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।