सुरक्षा बलों ने आज लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख आतंकी मुजफ्फर नाइकू उर्फ मुज मौल्वी को शहर के बाहरी इलाके में हुए मुठभेड़ में मार गिराया हैै। यह सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता है। सुरक्षा बलों को गुलजारपोरा के मोच्वा इलाके में प्रमुख आतंकी के मौजूद होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्होंने गुरुवार की देर रात एक अभियान शुरू किया था।
कश्मीर घाटी में पिछले कई दिनों से जारी झड़पों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा पेलट गन का इस्तेमाल किए जाने पर जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है। अदालत ने केंद्र की आलोचना करते हुए उससे स्पष्ट करने को कहा है कि आखिर क्यों लोगों को घुटनों के ऊपर और ज्यादातर आंखों में चोटें आईं।
पाकिस्तान के जाने-माने शायर अता-उल-हक कासमी का कहना है कि उर्दू के विकास और नई पीढ़ी के साथ इसके जुड़ाव को बढ़ावा देना उर्दू प्रेमियों के हाथ में है और उन्हें इस भाषा को जीवित रखने के लिए कदम उठाने चाहिए।
लंबे अर्से से जारी गतिरोध खत्म होने का साथ ही जम्मू कश्मीर में सरकार गठन का रास्ता साफ हो गया है। पीडीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती को आज सर्वसम्मति से पीडीपी विधायक दल ने अपना नेता चुन लिया। साथ ही पार्टी ने महबूबा को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया।
‘गजल एक लंबी यात्रा तय करती हुई, वस्ल की रात, महबूब की जुल्फें, हिज्र, सनम की बेरुखी, रुखसार, हुस्न और इश्क के सांचे से निकल चुकी है।‘ ऐसा कहना है कि उर्दू के मशहूर अफसानानिगार और गजलकार मुजफ्फर हनफी का। वह कहते हैं, ‘ लोग मानते हैं कि गजल औरतों से गुफ्तगू करने का नाम है, जो इश्कमिजाजी से लबरेज रहती है जबकि गजल अब विषय पर केंद्रित हो चुकी है। यहां तक कि गालिब जैसों ने भी विषयों पर गजलें लिखी है लेकिन यह अलग बात है कि गजल के उस रूप को तवज्जो कम मिली।
जम्मू और कश्मीर की बागडोर जल्द ही महबूबा मुफ्ती संभाल सकती हैं। मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने भी बेटी महबूबा के राज्य की कमान संभालने की बातों को खारिज नहीं किया है।
यह तो मानना ही पड़ेगा कि चमत्कार एक ही बार होता है। निर्देशक मुजफ्फर अली ने एक बार उमराव जान बना दी और इसी की बदौलत आज तक उनकी पहचान है। जांनिसार में वह यह जादू दोहरा नहीं पाए हैं।