देश के बैंक एक और माल्या का पता लगाने जा रहे हैं। बैंकों के समूह ने आलोक इंडस्ट्री और उसकी सहयोगी कंपनियों को चार माह पहले 20 हजार करोड़ रुपए का लोन दिया था।
सत्ताधारियों को तलवार लटकाना बहुत अच्छा लगता है। इसी तरह मीडिया का एक वर्ग सदा यह समझता रहा है कि वह सर्वशिक्तमान है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ सत्ता को बनाने-बिगाड़ने और देश की दशा तय करने का काम कर सकता है। यह दोनों प्रवृत्ति लोकतांत्रिक व्यवस्था में अनुचित है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 9 फरवरी को घटी विवादास्पद घटना के संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा दिए गए दंड के विरोध में 25 छात्र अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं।
गिरफ्तारी के बाद से आईसीयू में भर्ती हिमाल समूह के प्रकाशक, पत्रकार और लेखक की रिहाई के लिए दक्षिण एशिया के पत्रकार-लेखक एकजुट, गिरफ्तारी को बदले की कार्यवाई बताया
सीबीआई जांच का सामना कर रहे पर्ल समूह के पास मोहाली में दो पूर्ण सेक्टरों 100 और 104 का स्वामित्व है। इसके अलावा समूह के पास सेक्टर 96 और सेक्टर 99 में भी आधा हिस्सा है। सीबीआई द्वारा समूह की परिसंपत्तियों के विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है। समूह पर करीब पांच करोड़ निवेशकों को 51,000 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।
कश्मीर में सोशल मीडिया का उपयोग करने वालों ने हाल में जारी उस परिपत्र पर मिलीजुली प्रतिक्रिया दी हैं जिसमें जिला अधिकारियों ने कुपवाड़ा में खबरों का प्रचार प्रसार करने वाले वॉट्सऐप समूहों के प्रशासकों को दस दिन के अंदर अपना पंजीकरण कराने का आदेश दिया है।
नासिक के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर मंदिर में आज महिलाओं के एक समूह के साथ स्थानीय लोगों के एक समूह द्वारा कथित दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। यह घटना उस समय घटी जब महिलाओं का समूह मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने का प्रयास कर रहा था। इस मामले में पुलिस ने करीब 200 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारत में अलग-अलग राजनीतिक दल के लोगों के गैर जिम्मेदाराना बयान देने जैसी छिटपुट घटनाएं हो सकती हैं लेकिन इसे देश में असहिष्णुता के माहौल के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। वरिष्ठ भाजपा नेता ने इस तरह की घटनाओं को बहुत खराब बताया लेकिन कहा कि भारत जैसे बड़े देश में ये बहुत कम होती हैं।
बांग्लादेश के डेली स्टार समाचार पत्र के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार महफूज अनम पर देशद्रोह और मानहानि के कई मामले दर्ज कर उनका उत्पीड़न किए जाने पर एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने गहरी चिंता जताई है और इसे प्रेस की आजादी पर हमला बताते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है।