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Search Result : "मैनेजर पाण्डेय"

मदन कश्यप को केदार सम्मान

मदन कश्यप को केदार सम्मान

सन 2015 के लिए समकालीन हिन्दी कविता का चर्चित केदार सम्मान इस साल वरिष्ठ कवि मदन कश्यप को दिया गया। प्रख्यात आलोचक प्रो. मैनेजर पाण्डेय ने कहा, मदन कश्यप मूलगामी काव्य दृष्टि के कवि हैं। मूलगामी दृष्टि वह है जो अपने समय के मनुष्य और समाज के भाव-कुभाव और स्वाभाव को जानती हो, दोनों के छल-छद्म, आतंक और क्रूरता को पहचानती हो और उन सबसे मुक्ति की राह बनाती हो।
पुणे को एक और झटका, चोट की वजह से स्मिथ आईपीएल से बाहर

पुणे को एक और झटका, चोट की वजह से स्मिथ आईपीएल से बाहर

राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के एक अहम खिलाड़ी स्टीवन स्मिथ कलाई की चोट के कारण इंडियन प्रीमियर लीग के मौजूदा सत्र के बाकी मैचों से बाहर हो गए हैं।
आवरण कथा- पार्टी नेतृत्व की लगाम मैनेजर के हाथों में

आवरण कथा- पार्टी नेतृत्व की लगाम मैनेजर के हाथों में

भारत के राजनीतिक भविष्य का एजेंडा कॉरपोरेट घराने तय कर रहे हैं। इस कारण प्रबंधन कंपनियों या यूं कहें कि कई प्रबंधन गुरुओं की पौ-बारह हो गई है और राजनीतिक दल उनके सामने नतमस्तक दिख रहे हैं।
आईएस के लिए भर्ती के आरोप में इंडियन ऑयल का मैनेजर गिरफ्तार

आईएस के लिए भर्ती के आरोप में इंडियन ऑयल का मैनेजर गिरफ्तार

राजस्थान पुलिस के आतंक निरोधी दस्‍ते ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के लिए काम करने, इंटरनेट पर इसका प्रचार-प्रसार करने और लोगों को इसके जुड़ने के लिए प्रेरित करने के आरोप में मोहम्मद सिराजुद्दीन नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। सिराजुद्दीन जयपुर में सरकारी उपक्रम इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का मार्केटिंग मैनेजर है।
मात्र ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं, अभिनंदन ग्रंथ

मात्र ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं, अभिनंदन ग्रंथ

हिंदी के अनेक दुर्लभ ग्रंथ, पुरानी पुस्तकों की प्रति, पत्रिकाओं की पुरानी फाइलें अब उपलब्‍ध नहीं हैं। इस कारण देश के विश्वविद्यालयों में शोध कार्य प्रामाणिक ढंग से नहीं हो पाते और साहित्य में ऐतिहासिक तथ्यों को लेकर गड़बड़ियां बनी रहती हैं। इस कमी को देखते हुए राष्ट्रीय पुस्तक न्यास ने सन 1933 में प्रकाशित द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ को दोबारा प्रकाशित कर अच्छा काम किया है। लेकिन जिस तरह हड़बड़ी और असावधानी में यह ग्रंथ प्रकाशित किया गया है उसे लेकर चिंता होती है।
राजकमल चौधरी का रचना संसार

राजकमल चौधरी का रचना संसार

राजकमल प्रकाशन से आठ खंडों में प्रकाशित राजकमल चौधरी रचनावली के प्रथम दो खंडों में कविता, तीसरे-चौथे खंड में कथा, पांचवे-छठे खंड में उपन्यास, सातवें खंड में निबंध-नाटक और अंतिम खंड में पत्र-डायरी को शामिल किया गया है।
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