वैज्ञानिकों ने पहली बार ऐसा तरीका इजाद किया है जिसमें मेडिकल अल्ट्रासाउंड जैसी एक तकनीक का इस्तेमाल कर कंपायमान विशालकाय तारों के भीतर चुंबकीय क्षेत्र की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है।
मोहम्मद अखलाक का परिवार फिलहाल गांव में ही रहेगा। वह कहीं नहीं जाएगा। बीते दिनों गांव बिसाहड़ा में गोमांस की अफवाह के चलते हिंदू चरमपंथियों ने अखलाक को पीट-पीट कर कत्ल कर दिया था।
दंगों के फार्मूला में अफवाहें सबसे तेज दौड़ती हैं। मुजफ्फरनंगर दंगों में भी ऐसा ही हुआ था। दादरी में गोमांस खाने की अफवाह के चलते कत्ल हुए अखलाक वाले मसले पर भी यही हो रहा है। अखलाक को उन्हीं के पड़ोसियों ने बेरहमी से कत्ल कर दिया। एसएसई परीक्षा की तैयारी कर रहे उनके बेटे दानिश को जख्मी कर दिया। नोएडा के कैलाश अस्पताल में दानिश की हालत बहुत अच्छी नहीं है। भाई सरताज दिन-रात दौड़-धूप में लगे हैं। अखलाक तो चला गया लेकिन गंभीर मसला यह है कि फिलहाल दादरी तरह-तरह की तैर रही अफवाहों की चपेट में है। अफवाहों का ऐसा बारूद जिन्हें सिर्फ तीली दिखाने की जरूरत है।
एक कहानी एवं कविता संकलन के अलावा आलोचनात्मक निबंध भी प्रकाशित। हिंदी के साथ अंगिका बोली में भी कविता संग्रह। भागलपुर विश्वविद्यालय से रीडर पद से सेवानिवृत्त।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारत में व्यक्तिगत आय पर कर की दरों को अधिक तर्कसंगत बनाने और अगले वित्त वर्ष से अगले चार साल के भीतर कंपनी कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने का वादा किया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि व्यक्तिगत बचत प्रोत्साहित करने वाली रियायतों को छोड़कर आय कर में अन्य छूटें खत्म करने की तैयारी है।
दिल्ली से सटे दादरी (उत्तर प्रदेश) में गोमांस खाने के संदेह में अखलाक अहमद नामक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला गया। जबकि उनका बेटा अस्पताल में भर्ती है। यह घटना दादरी के बिसराड़ा गांव की है, जहां अफवाह फैली कि गांव में अखलाक का परिवार गोमांस खाता है।
न्यूजीलैंड दौरे के लिए भारतीय हॉकी टीम का एलान कर दिया गया है। अनुभवी मिडफील्डर दानिश मुज्तबा को इसमें जगह नहीं मिली है जबकि धर्मवीर सिंह, मनप्रीत सिंह और निक्किन थिमैया की भी इस टेस्ट दौरे के लिए वापसी हुई है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वभारती विश्वविद्यालय (शांति निकेतन) के कुलपति सुशांत दत्तगुप्ता को बर्खास्त करने की अनुशंसा की है। अगर उनकी बर्खास्तगी हुई तो इस तरह हटाए जाने वाले वे किसी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पहले कुलपति हो सकते हैं।
देश इस समय विभिन्न क्षेत्रों में पतन की राह पर अग्रसर है। धर्मनिरपेक्षता, अनेकता, और भारतीय राष्ट्रीयता को राजनैतिक तौर पर कमजोर किए जाने के अलावा सांस्कृतिक बहुलता और मेलजोल की परंपरा पर भी कुठाराघात हो रहा है।