परिवार की लड़ाई में अब कौन सा दांव चलेगे नेताजी
साल 2012 के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने जब अपनी विरासत सौंपने का मन बनाया तो सबसे पहले उनके भाई शिवपाल सिंह यादव का नाम सामने आया। शिवपाल का नाम आते ही उनके समर्थकों के बीच एक खुशी की लहर दौड़ पड़ी कि लेकिन इस पूरे प्रकरण में सपा में थिंक टैंक कहे जाने वाले मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने अलग भूमिका निभाई। रामगोपाल ने अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव दे दिया।