पिछले कुछ दिनों से प्याज के दाम में जबर्दस्त उछाल आया है। जनवरी से जुलाई तक इसमें 300 प्रतिशत तक का इजाफा हो चुका है। बाजार में 15 से 20 रुपये प्रति किलाे बिकने वाले प्याज की कीमत आज करीब 40 से 50 रुपये तक पहुंच गई है। इसकी सबसे बड़ी वजह मौसम की मार रही है।
एक और मॉडल फिल्मी परदे पर दस्तक दे रहा है। मॉडल से एक्टर बने जुबेर के. खान इस साल बड़े परदे पर चार फिल्मों में दिखेंगे। खास बात यह कि पूर्व क्रिकेटर श्रीसंत की जिंदगी पर बन रही फिल्म ‘वो कौन थी’ में जुबेर उनके अपोजिट होंगे। वहीं अनुराग बसु के एसोसिएट रहे दिगंबर शर्मा की फिल्म ‘पिक्चर तो बनेगी बॉस’ में भी जुबेर अहम किरदार में दिखेंगे। ‘पिक्चर तो बनेगी बॉस’ एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है। इसके अलावा पेन कैमरा इंटरनेशनल के बैनर तले बन रही फिल्म ‘सोल’ और ‘द ड्रीम जॉब’ भी उनके खाते में है।
शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
करदाताओं के विरोध को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने नए आयकर रिटर्न फार्म जारी किए हैं। इनमें विदेश यात्राओं और निष्क्रिय बैंक खातों की जानकारी देने के विवादास्पद प्रावधानों को हटा दिया है। आयकर रिटर्न अब 31 अगस्त तक भरा जा सकेगा।
बॉलीवुड के बैड बॉय की छाप से लेकर फिल्म उद्योग में राज करने वाले सुपरस्टार बनने तक का सलमान खान का सफर अपने साथ जितनी परेशानियां लाया, उतनी ही सौगातें भी लाया। 49 वर्षीय सलमान को बुधवार को मुंबई की एक अदालत ने गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया है।
सलमान का भोला-भोला चेहरा हमेशा से ही लोगों के जहन में बहुत आसानी से जगह बनाता आया है। लाखों लोग उनके प्रशंसक हैं। उनकी भूमिकाओं के जरिए उनसे प्यार करने वालों की कमी नहीं है। अब जब सालों से चल रहे मुकदमे में उन्हें सजा हो गई है तो लाजिमी है कि उनके प्रशंसक जानें कि दरअसल वह उतने भोले भी नहीं जितने परदे पर दिखते हैं।
ब्रेकिंग न्यूज देने के चक्कर में खबरों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। बिना खबर को पुष्ट किए ही खबर चला दी जाती है और बाद में खबर गलत हो जाती है तो मिलती-जुलती खबर देकर मामले को दूसरा रुप दिया जाने लगता है। जंतर-मंतर पर गजेंद्र सिंह की खुदकुशी के मामले में भी कुछ ऐसा ही पढ़ने और देखने को मिल रहा है।