अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर खरीद में कथित दलाली का मामला दुनिया भर में फैले सैन्य बाजार का एक तुच्छ प्रमाण है। शक्तिशाली देशों की 'हथियार लॉबी’ कितनी शक्तिशाली है, इसका गुमान तक आम आदमी को नहीं हो सकता।
अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर घोटाला मामले में मोदी सरकार और कांग्रेस पर बरसते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री में सोनिया गांधी को गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं है और दोनों पार्टियों की भ्रष्टाचार में मिलीभगत है।
विवादास्पद अगस्ता वेस्टलैंड सौदे को लेकर पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए रक्षा मंत्राी मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को कहा कि तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार ने अगस्तावेस्टलैंड को हेलीकाप्टर का ठेका देने के लिए हर तरह की रियायत दी और पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी, गौतम खेतान तो बहती गंगा में हाथ धोने वाले छोटे नाम है, हम बड़े नामों का पता लगा रहे हैं जिन्होंने रिश्वत ली।
मनमोहन सिंह की ईमानदारी और भलमनसाहत पर कोई प्रश्न नहीं उठाया गया। यह तर्क भी दिया जाता है कि वह राजनीतिज्ञ ही नहीं हैं। उनके वित्त मंत्री रहते शेयर घोटाले जैसे आरोप आने पर सारा कीचड़ नरसिंह राव के सिर पर उलट दिया गया। 2004 से 2014 तक दस वर्ष प्रधानमंत्री रहते हुए सरकार पर घोटालों और भ्रष्टाचार के गंभीरतम आरोप लगे एवं कांग्रेस पतन के गर्त तक पहुंच गई।
कांग्रेस ने गुरुवार को राज्यसभा में सवाल किया कि बुधवार को सदन में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाॅप्टर सौदे के मुद्दे पर चर्चा के दौरान मनोनीत सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने रक्षा मंत्राालय, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के जिन गोपनीय संवेदनशील दस्तावेजों का संदर्भ दिया था, वे दस्तावेज उन्हें कैसे हासिल हुए।
ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील को लेकर राज्यसभा में बुधवार को रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर के दिए भाषण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहा है। पीएम ने पार्रिकर की जमकर तारीफ की।
उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल और सीबीआई ने एक संयुक्त अभियान के तहत व्यापमं घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल रमेश शिवहरे को आज कानपुर से गिरफ्तार कर लिया जो पिछले तीन साल से फरार था।
ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील पर महत्वपूर्ण जानकारी बुधवार को संसद में रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर देंगे। जिसमें सौदे से जुड़े सभी तथ्य और घटनाक्रम शामिल होंगे।
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में कथित दलाली को लेकर जारी हंगामे के बीच अन्य रक्षा सौदों में अहम भूमिका निभाने वाले दलालों पर सरकार की निगाहें कड़ी हो गई हैं। रक्षा सौदों में अहम भूमिका निभाने वाले कई दलालों और उनकी कंपनियों की सरकार विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच करवा रही है और उनके लेन-देन में अनियमितता पर अपनी नजर बनाए हुए है।