लोकसभा चुनाव हारने के बावजूद जब स्मृति ईरानी को मानव संसाधन विकास जैसा भारी भरकम मंत्रालय दिया गया तो कई लोगों की भवें टेढ़ी हुईं। आखिर इस मंत्रालय के राजीव गांधी के जमाने में नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी के दौर में मुरली मनोहर जोशी और संप्रग एक के दौर में अर्जुन सिंह जैसे नेता संभाल चुके थे जो खुद कभी प्रधानमंत्री पद की रेस में रहे थे।
मोदी, मुस्लिम और मीडिया की लेखिका और सीएसडीएस की वरिष्ठ फेलो मधु पूर्णिमा किश्वर ने पिछले वर्ष मई में स्मृति ईरान के मानव संसाधन विकास मंत्री बनाए जाने पर अपनी गहरी नाराजगी जताई थी।
फिल्म कहानी में सीरियल किलर की भूमिका निभाने के लिए अपार सराहना मिलने के बाद अब शाश्वत चटर्जी एक बार फिर ऐसे ही हत्यारे की भूमिका में नजर आने वाले हैं। बस अंतर इतना है कि 89 में उनका यह किरदार कहीं अधिक जटिल और खूंखार है।
माधव जोशी पेशे से कार्टूनिस्ट हैं। उनका पहला ही उपन्यास ही बेस्ट सेलर रहा। मराठी भाषा में लिखा गया यह उन्यास, एक पिता की आत्मकथा नाम से आया और पाठकों ने इसे हाथों हाथ लिया। उनकी कार्टून की धार बहुत ही पैनी और सटीक होती है। इसके विपरीत उनकी रचनाएं मानवीय संवेदनाओं के साथ-साथ रिश्तों की अलग परिभाषा गढ़ती है।
तीन दिन से चल रही भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक के बारे में कल पूरा दिन टेलीविजन पर खबरें नदारद रहीं और शाम होते-होते स्मृति ईरानी सभी चैनलों पर छा गईं। भारतीय जनता पार्टी की सांसद मीनाक्षी लेखी इस बात से खफा हैं कि पिछले दिनों राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर हुई स्मृति ईरानी उसकी महत्वपूर्ण बैठक का पूरा फुटेज (कार्यकारिणी की बैठक बेंगलूरु में चल रही है) ले गईं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा गोवा के कैंडोलिम स्थित फैब इंडिया स्टोर के ट्रायल रूम में कथित तौर पर एक छुपा हुआ कैमरा पकड़े जाने के एक दिन बाद कंपनी ने शनिवार को कहा कि ट्रायल रूम सहित स्टोर में कहीं भी कोई छुपा हुआ कैमरा नहीं था।
लेखक अंतोन चेखव (1860-1904) को रूसी साहित्य में ही नहीं बल्कि विश्व साहित्य में महानतम कहानीकारों में से एक माना जाता है। उन्होंने न केवल कहानियां लिखीं, बल्कि चार कालजयी नाटक भी लिखे, जिनमें ‘चेरी का बगीचा’ और ‘तीन बहनें’ नाटकों को अप्रतिम माना जाता है। उनकी कहानियां विश्व के समीक्षकों और आलोचकों में बहुत सम्मान के साथ सराही जाती हैं। चेखव पेशे से चिकित्सक थे। अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए उन्होंने कहानियां लिखना शुरू किया था और बाद में वह लेखक बन गए। वह कहा करते थे, ‘डॉक्टरी मेरी धर्मपत्नी है और साहित्य प्रेमिका।’