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Search Result : "रवि दहिया की कहानी"

अंतोन चेखव की कहानी ‘भिखारी’

अंतोन चेखव की कहानी ‘भिखारी’

लेखक अंतोन चेखव (1860-1904) को रूसी साहित्य में ही नहीं बल्कि विश्व साहित्य में महानतम कहानीकारों में से एक माना जाता है। उन्होंने न केवल कहानियां लिखीं, बल्कि चार कालजयी नाटक भी लिखे, जिनमें ‘चेरी का बगीचा’ और ‘तीन बहनें’ नाटकों को अप्रतिम माना जाता है। उनकी कहानियां विश्व के समीक्षकों और आलोचकों में बहुत सम्मान के साथ सराही जाती हैं। चेखव पेशे से चिकित्सक थे। अपनी पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए उन्होंने कहानियां लिखना शुरू किया था और बाद में वह लेखक बन गए। वह कहा करते थे, ‘डॉक्टरी मेरी धर्मपत्नी है और साहित्य प्रेमिका।’
कहानी :  बार कोड

कहानी : बार कोड

मुझे एक बूढ़ा आदमी एक बरामदे में बैठा दिखाई देता है। लेकिन चेहरा उसका अंधेरे में है और आंखें उसने अपनी बंद कर रखी हैं। उससे कुछ पूछना ठीक नहीं लगता। मैं आगे बढ़ जाता हूं। अब मैं एक छत की फर्श पर खड़ा हूं। मैं अब इस छत पर कब तक टंगा रहूंगा।
रवि की मौत की जांच सीबीआई को

रवि की मौत की जांच सीबीआई को

कर्नाटक सरकार ने आईएएस ऑफिसर डी.के. रवि की मौत का मामला सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य विधानसभा में यह घोषणा की। विपक्षी दल और रवि के परिवार के लोग शुरू से ही मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे जबकि सरकार ऐसा नहीं चाहती थी।
रवि की मौत के पीछे रंजिश या मोहब्बत?

रवि की मौत के पीछे रंजिश या मोहब्बत?

कर्नाटक में एक युवा और जोशीले आइएएस अधिकारी डी.के. रवि की अप्राकृतिक मौत एक अप्रत्याशित अंत में तब्दील हो गई है। पूरे देश के मध्य वर्ग को नेताओं और नौकरशाहों में अपना नायक तलाशने की आदत हो गई है, इससे बुरी तरह विचलित है। भारत में लगातार बढ़ता यह वर्ग यथास्थिति कायम रखने का पक्का समर्थक है और समस्याओं की जड़ तलाशने एवं उनके समाधान का प्रयास करने से इनकार करता रहा है। यह समस्या के लक्षणों पर ध्यान केंद्रित करने और उनके आसान हल तलाशने में ही खुश रहता है और खुद को अपने नायक की भक्ति में व्यस्त रखता है।
कहानी - केसर कस्तूरी

कहानी - केसर कस्तूरी

यह बात ठीक थी कि विशम्भर प्रसाद ने शराब से तौबा कर ली थी, लेकिन उसका एक-एक जानने वाला तो इस बात से परिचित था नहीं। अक्सर देर रात को विशम्भर प्रसाद के किसी न किसी जानने वाले का फोन, तो कभी दरवाजा भड़ाभड़ बजने लगता।
कैसे हुई आइएएस रवि की मौत

कैसे हुई आइएएस रवि की मौत

कर्नाटक के ईमानदार आइएएस अफसर डीके रवि की मौत का मामला राज्य की विधानसभा से लेकर देश की संसद तक में गूंज चुका है। राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है लेकिन रवि की मौत के राज से अब तक पर्दा नहीं हट पाया है।
रवि की मौत की सीबीआइ जांच कराए कर्नाटक सरकारः सोनिया

रवि की मौत की सीबीआइ जांच कराए कर्नाटक सरकारः सोनिया

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कर्नाटक के आईएएस अधिकारी डी.के. रवि की रहस्यमयी मौत के मामले की सीबीआई जांच कराने की सलाह राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को दी है।
आइएएस पोते रव‌ि के गम में दादी भी चल बसीं

आइएएस पोते रव‌ि के गम में दादी भी चल बसीं

कर्नाटक के बेंगलूरू में आइएएस डीके रवि की मौत को उनकी दादी बर्दाश्त नहीं कर पाईं और दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। इस परिवार में कुछ ही दिन के भीतर मौत की यह दूसरी घटना है।
क्या भारत में ईमानदारी की सजा मौत हो गई है

क्या भारत में ईमानदारी की सजा मौत हो गई है

बेंगलूरू में आइएएस अफसर डीके रवि की मौत ने कई सवाल पैदा किये हैं। रवि की छवि एक ईमानदारी अधिकारी की थी। उनकी सख्ती की वजह से रेता और खनन माफिया के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई थीं। माना जा रहा है कि उनकी हत्या के पीछे भी माफिया का हाथ है। इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के मंजूनाथ और नरेंद्र कुमार सिंह समेत देश के कई राज्यों में ईमानदार अफसर अपनी जान गंवा चुके हैं। कुछ को अपनी ईमानदारी की वजह से दूसरी मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। जिस तरह से भारत में भ्रष्टाचार संस्थागत रूप लेता जा रहा है इसने ईमानदार और उसूल वाले लोगों का जीना दूभर कर दिया है।
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