वैज्ञानिकों ने पहली बार ऐसा तरीका इजाद किया है जिसमें मेडिकल अल्ट्रासाउंड जैसी एक तकनीक का इस्तेमाल कर कंपायमान विशालकाय तारों के भीतर चुंबकीय क्षेत्र की मौजूदगी का पता लगाया जा सकता है।
धर्मशाला में हुए कथित बलात्कार मामले को लेकर दिनभर राजनीतिक माहौल गरम रहा। पुलिस ने प्रेस वार्ता कर गैंगरेप की घटना से साफ इंकार कर दिया है। पुलिस का कहना है कि वे मामले की छानबीन कर रही है। उधर मुख्यमंत्री वीरभद्र ने कहा कि यह राजनीतिक षडयंत्र है। जांच की जा रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि लड़की का इस्तेमाल सरकार की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है
भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि जिन आंतरिक प्रक्रियाओं से पृथ्वी का निर्माण हुआ है, वहीं भूकंप का कारण हैं। भूकंप सदियों से आ रहे हैं और आगे भी आते रहेंगे। इसकी भविष्यवाणी संभव नहीं है। हमें भूकंप के साथ जीना सीखना होगा।
जीसस के बारे में एक चौकाने वाली खबर आई है। यह दावा इजरायल के रहने वाले एक भूगर्भशास्त्री ने किया है। 'डेली मेल' पर छपी रिपोर्ट के अनुसार , भूगर्भशास्त्री डॉक्टर ए शिमरॉन का दावा है कि येरुशलम में जीजस और उनके बेटे की कब्र है। उन्होंने इसकी प्रमाणिकता को पुख्ता किया है।
दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके में बाइक सवार शाहनवाज की पीट-पीट कर हत्या रोड-रेज का मामला है या फिर कुछ और? क्योंकि जिन लोगों ने शाहनवाज को पीटा है वह इस इलाके के घोषित बदमाश हैं और इनका संबंध इलाके के आम आदमी पार्टी के विधायक के साथ बताया जा रहा है।
नासा के क्युरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह के एक हिस्से में खनिज पदार्थों की पतली-पतली नालियों का पता लगाया है जिनसे उस क्षेत्र में द्रव के प्रवाह के संकेत मिलते हैं। क्युरियोसिटी को ये खनिज शिराएं पांच किलोमीटर ऊंचे पर्वत माउंट शार्प की ढलान पर गार्डन सिटी नाम के एक स्थल पर मिलीं।
कर्नाटक के ईमानदार आइएएस अफसर डीके रवि की मौत का मामला राज्य की विधानसभा से लेकर देश की संसद तक में गूंज चुका है। राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है लेकिन रवि की मौत के राज से अब तक पर्दा नहीं हट पाया है।
कॉरपारेट जासूसी का मामला रहस्यमयी होता जा रहा है। दिल्ली पुलिस और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच अलग-अलग चल रही है और दोनों ही मामलों में कोई नतीजा सामने नहीं आ रहा है। संसद में मचे हंगामे के बाद सरकार का बयान भी आया कि अभी कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। इससे जाहिर है कि सरकार और जांच एजेसियों में तालमेल सही नहीं हो पाने के कारण किसी नतीजे पर पहुंच पाना मुश्किल दिख रहा है।
विभिन्न मंत्रालयों से गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के मामले में पेट्रोलियम मंत्रालय एक और सख्त कदम उठाते ही जल्द ही कुछ अधिकारियों-कर्मचारियों को मंत्रालय से हटा सकता है। इस मामले में कॉर्पोरेट घरानों के साथ कई गिरोहों की संलिप्तता और उनके उजागर होते कारनामों से सवाल उठने लगा है कि इसके पीछे असली खिलाड़ी कौन है? क्योंकि असल खिलाड़ी को लेकर रहस्य बना हुआ है।