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Search Result : "राजनीति दल"

अचानक सबको भाने लगे महाराणा प्रताप

अचानक सबको भाने लगे महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप अचानक देश की राजनीति में महत्वपूर्ण हो गए हैं। तभी तो उनकी जयंती को पूरे देश में राष्ट्रीय स्वाभिमान दिवस के रूप में मनाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इस मांग को लेकर देश भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है और बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं तेलंगाना में यह अभियान जोरों पर है।
तीसरे विकल्‍प पर पप्पू यादव का दांव, बनाया नया मोर्चा

तीसरे विकल्‍प पर पप्पू यादव का दांव, बनाया नया मोर्चा

कभी लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी रहे पप्‍पू यादव ने अब जन क्रांति अधिकार मोर्चा बनाकर बिहार में तीसरे विकल्‍प की राजनीति पर दांव लगाया है।
ब्रिटिश राजनीति की तमिलनाडु घड़ी

ब्रिटिश राजनीति की तमिलनाडु घड़ी

ब्रिटेन के चुनावों की असली कहानी दो समांतर रुझानों की कहानी है। एक रुझान केंद्रीकरण और स्थिरता की तरफ है। दूसरा रुझान विकेंद्रीकरण की ओर है। कंजरवेटिव पार्टी को बहुमत दिलाने में पहले रुझान का हाथ तो स्‍पष्‍ट है लेकिन दूसरे रुझान ने भी उसे उतनी ही ताकत पहुंचाई। स्कॉटलैंड में स्कॉ‍टिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) को मिली अपूर्व सफलता, उस तरह की सफलता जैसी दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली है, दूसरे रुझान की ताकत का संकेत है। यह विश्व के सबसे पुराने राजनीतिक संघ यूनाइटेड किंगडम के ढांचे को पुनर्परिभाषित करेगा। इस दूसरे रूझान ने स्कॉटलैंड में लेबर पार्टी की जड़ खोद दी और वेल्स में भी स्थानीय दल प्लेड सिमरू को मिले वोटों ने लेबर पार्टी के ही वोट काटे। जब विकेंद्रीकरण के हामी स्थानीय दलों ने मुख्य विपक्षी दल लेबर पार्टी का जनाधार और एक हद तक वैचारिक आधार भी चुरा लिया तो सत्तारूढ कंजरवेटिव पार्टी को फायदा मिलना ही था।
राहुल का मोदी पर निशाना, बदले की राजनीति न करें प्रधानमंत्री

राहुल का मोदी पर निशाना, बदले की राजनीति न करें प्रधानमंत्री

अमेठी में फूड पार्क के रद्द किए जाने से नाराज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदले की राजनीति नहीं करने के वादे की याद दिलाया। राहुल ने कहा प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि उनके चुनाव क्षेत्र में प्रस्तावित फूड पार्क को न रद्द किया जाए। हालांकि सरकार की ओर से यह आश्वासन मिला कि इस मामले को देखा जाएगा।
विदर्भ में राहुल गांधी की पदयात्रा, किसान राजनीति गरमाई

विदर्भ में राहुल गांधी की पदयात्रा, किसान राजनीति गरमाई

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के अमरावती जिले में आज 15 किलोमीटर लंबी पदयात्रा शुरू की और इस दौरान वह उन किसानों के परिवारों से मिल रहे हैं जिन्होंने आत्महत्या की है।
सोनू निगम पर 'बैन' के खिलाफ सोशल मीडिया में उबाल

सोनू निगम पर 'बैन' के खिलाफ सोशल मीडिया में उबाल

गायक सोनू निगम ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता कुमार विश्वास का समर्थन करने पर जी ग्रुप ने उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया है। सोनू निगम ने ट्वीट कर कहा है कि, तो जी ने मुझ पर बैन घोषित कर दिया है। मैं क्या कहूं, ईश्वर सब पर कृपा करें।
छुट्टियों की राजनीति

छुट्टियों की राजनीति

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी सरकार विभिन्न जयंतियों पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा के जरिये सियासी रंग देने में जुटी है।
केजरीवाल की माफी, रैली जारी रखना गलती

केजरीवाल की माफी, रैली जारी रखना गलती

आम आदमी पार्टी की किसान रैली में आत्महत्या करने वाले गजेंद्र सिंह की मौत पर पहली बार दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुप्‍पी तोड़ी है। एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्‍यू में केजरीवाल ने कहा, उस समय रैली जारी रखना मेरी गलती थी और मैं सबसे माफी मांगता हूं। इस मामले की पुलिस और मजिस्ट्रेट जांच चल रही है और जो भी इसका दोषी हो, उसे चाहे फांसी पर लटका दो। लेकिन बहस इसी पर केंद्रित होनी चाहिए कि किसान खुदकुशी क्‍यों कर रहे हैं।
किसानों की जिंदगी से बड़ी कोई चीज नहीं - मोदी

किसानों की जिंदगी से बड़ी कोई चीज नहीं - मोदी

दिल्‍ली में राजस्‍थान के किसान गजेंद्र सिंह की आत्महत्या पर आज लोकसभा में खूब हंगामा हुआ। जिसके बाद प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर लोकसभा में बयान देने पड़े। किसान विरोधी होने के आरोप झेल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हमें यह सोचना होगा कि हम कहां गलत रहे, कौन-से गलत रास्ते पर चल पड़े। पहले क्या गलतियां रही और पिछले 10 महीने में क्या गलतियां हुई। हमें किसानों की समस्या का समाधान खोजना है। कई वर्षों से किसानों की आत्महत्या पूरे देश के लिए चिंता का विषय हैं। कल की घटना से पूरे देश में पीड़ा है और उसकी अभिव्यक्ति आज सदन में भी हुई। मैं भी इस पीड़ा में सहभागी हूं।
गजेंद्र ने सत्ता, सिस्टम और राजनीति का मुंह नोंच लिया !

गजेंद्र ने सत्ता, सिस्टम और राजनीति का मुंह नोंच लिया !

ये आंकड़ा हर किसी को पता है कि इस देश में 1995 से अब तक साढ़े तीन लाख किसानों-खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। दैनिक औसत निकालें तो 50 लोग हर रोज जान दे रहे हैं। 20 साल में देश की सत्ता और सिस्टम इन मौतों के जिम्मेदारों की शिनाख्त नहीं कर पा रही है। चूंकि, शिनाख्त नहीं हुई इसलिए आगे की कार्रवाई की भी जरूरत नहीं। एक खेल चल रहा है जिसमें राजनीतिक दल एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। उनका ध्यान समस्या ओर उसके समाधान पर नहीं है, बल्कि खुद को दूसरों से उजला, ईमानदार और संवेदनशील दिखाने पर है। ऐसे में कोई गजेंद्र मरे तो मरता रहे, उनकी बला से।
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