जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर एक नया आरोप सामने आया है। आरोप है कि उसने विश्वविद्यालय की एक छात्रा के साथ दुर्व्यवहार किया था और उसे धमकी दी थी जिसके कारण विश्वविद्यालय प्रशासन ने उसपर जुर्माना लगाया था। घटना 10 जून, 2015 की बताई गई है जब कन्हैया छात्रसंघ का अध्यक्ष नहीं था।
असम विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के साथ गठजोड़ करने वाली असम गण परिषद (अगप) के प्रमुख प्रफुल्ल कुमार महंत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर असम के हितों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। गठबंधन में भाजपा द्वारा अगप के लिए कम सीटें छोड़े जाने से भी वे नाराज हैं। अंग्रेजी दैनिक `द इकोनॉमिक टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में महंत ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अभी ततक असम के लिए कुछ भी नहीं कर पाए हैं। भारत-बांग्लादेश के बीच जमीन हस्तांतरण को लेकर असम में बेहद नाराजगी थी। फिर भी उन्होंने यह संधि की।
राज्यसभा में आज विपक्षी दलों ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार की जान लेने पर 11 लाख रूपये और उनकी जीभ काटने पर पांच लाख रूपये का इनाम दिए जाने के कथित ऐलानों का जिक्र करते हुए उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की गई है। हालांकि सरकार ने कहा कि कन्हैया को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद कन्हैया को हाल ही में जमानत पर रिहा किया गया है।
शिवसेना ने जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार को मुफ्त प्रसिद्धि दिलाने के लिए भाजपा पर आज परोक्ष हमला करते हुए पूछा कि कन्हैया को इतने कम समय में जमानत कैसे मिल गई जबकि देशद्रोह के अन्य आरोपी अब भी जेल की सलाखों के पीछे हैं।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आज कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार की अगर इतिहास से तुलना की जाए तो यह हिटलर के फासीवादी मॉडल से मिलती-जुलती होगी। उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर अपने हिंदू राष्ट्र का एजेंडा चलाने के लिए राष्ट्रवाद पर बहस खड़ी करने का आरोप लगाया।
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई की मांग को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है। अब तमिलनाडु में कांग्रेस की सहयोगी डीएमके के नेता एम करुणानीधि ने केंद्र और राज्य से राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने की मांग की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को धर्मनिरपेक्षता को जिंदा रखने की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि कुछ नौजवानों की नारेबाजी से नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की ओर से विवाद पैदा करने से देश टूटता है।
मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को साल 2015 का दादासाहेब फाल्के अवार्ड दिया जाएगा। अपनी विशिष्ट अभिनय शैली और देशभक्ति की भावना से भरी फिल्मों के लिए मनोज कुमार लाखों भारतीय दिलों पर राज करते हैं।