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Search Result : "राजीव नयन चतुर्वेदी"

चतुर्वेदी को ओएसडी बनाने के लिए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

चतुर्वेदी को ओएसडी बनाने के लिए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संजीव चतुर्वेदी को अपने विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) के रूप में तैनात करने का अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इससे पहले भी केजरीवाल चतुर्वेदी के लिए पीएम को पत्र लिख चुके हैं।
चंद्रास्वामी के बिना अधूरी राव-गाथा

चंद्रास्वामी के बिना अधूरी राव-गाथा

नरसिंह राव भारत के सर्वाधिक विवादास्पद प्रधानमंत्री होने के साथ आजादी के बाद आर्थिक क्रांति के जनक माने जाते हैं। राव के राजनीतिक जीवन और कार्यकाल पर बहुत कुछ लिखा-छपा है लेकिन इस सप्ताह युवा प्रोफेसर और पत्रकार विनय सीतापति की नई पुस्तक हाफ लॉयन: हाऊ पी.वी. नरसिंह राव ट्रांसफॉर्म्ड इंडिया में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों, पत्रों और भेंटवार्ताओं के जरिये राव के राजनीतिक जीवन से जुड़े कई पहलुओं की चर्चा हो रही है।
देंग से मिलने की नरसिंह राव की हसरत दिल में ही रह गई थी

देंग से मिलने की नरसिंह राव की हसरत दिल में ही रह गई थी

ये तो सभी जानते हैं कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंह राव और उनके वित्त मंत्री मनमोहन सिंह की जोड़ी ने देश में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत की और देश को आर्थिक बदहाली से उबार लिया मगर यह बहुत कम लोगों को पता है राव दरअसल चीन के अपने समय के सबसे शक्तिशाली कम्युनिस्ट नेता देंग श्याओ पिंग से बेहद प्रभावित थे और उनसे मिलना चाहते थे मगर राजीव गांधी जब देश के प्रधानमंत्री थे तो राव को विदेश मंत्री होने के बावजूद अपने साथ चीन नहीं ले गए।
चर्चाः स्वामी की ‘भस्म’ शक्ति पार्टी पर भारी | आलोक मेहता

चर्चाः स्वामी की ‘भस्म’ शक्ति पार्टी पर भारी | आलोक मेहता

सुब्रह्मण्यम स्वामी राजनीति के नए खिलाड़ी नहीं हैं। उखाड़-पछाड़ का उनका रिकार्ड पुराना और प्रधानमंत्रियों-पार्टियों के लिए अग्निकुंड तैयार करने वाला रहा है। इसलिए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के साथ सरकार में बैठे 27 लोगों को ध्वस्त करने के उनके ऐलान पर आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए।
चर्चाः आर्थिक क्रांति पर चांदी की चमक | आलोक मेहता

चर्चाः आर्थिक क्रांति पर चांदी की चमक | आलोक मेहता

21 जून को योग दिवस के रूप में अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलने का एक कारण दुनिया में भारत की आर्थिक शक्ति की पहचान भी है। बाहर वालों को ध्यान नहीं आएगा, लेकिन भारतीयों को याद आ जाना चाहिए कि 21 जून, 1991 को आर्थिक नीति में क्रांतिकारी बदलाव की नींव राष्ट्रपति भवन में रखी गई थी।
वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में शामिल होकर अवनि, भावना और मोहना ने रचा इतिहास

वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में शामिल होकर अवनि, भावना और मोहना ने रचा इतिहास

अवनी चतुर्वेदी, भावना और मोहना सिंह ने अपनी बहादुरी और कौशल से नया इतिहास रच दिया है। पहली बार ये तीन जांबाज लड़कियां वायुसेना में फाइटर पायलट के तौर पर शनिवार को शामिल हुईं। ऐसा गौरव पाकर इन्‍होंने महिला जगत को और रोशन कर दिया है। हैदराबाद में इन्‍होंने बकायदा पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया। फाइटर पायलट बनने का मतलब युद्ध की स्थिति में अवनि, भावना और मोहना लड़ाई में इस्तेमाल सुखोई जैसे विमान उड़ाएंगी। तीनों वायुसेना अधिकारी तो पहले से ही हैं। अब उन्हें लड़ाकू बेड़े में शामिल किया गया है।
चर्चाः ‌हथियारों के दलालों को कानूनी मान्यता | आलोक मेहता

चर्चाः ‌हथियारों के दलालों को कानूनी मान्यता | आलोक मेहता

हथियारों की दलाली को लेकर लगभग 30 वर्षों तक राजनीति करने वालों ने आखिरकार दिमाग ही नहीं बदला, नियम-कानून भी बदल दिये। राजीव गांधी की कांग्रेस सरकार ने हथियारों से सौदों में किसी भी तरह के दलाल और दलाली पर प्रतिबंधात्मक कड़ा कानून बना दिया था और दुनिया के देशों को कहा गया कि रक्षा संबंधी समझौते और खरीदी सीधे सरकारों के माध्यम से ही होगी।
ट्विटर पर ईरानी और चतुर्वेदी के बीच छिड़ा युद्ध

ट्विटर पर ईरानी और चतुर्वेदी के बीच छिड़ा युद्ध

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस नेता प्रियंका चतुर्वेदी के बीच ट्विटर पर वाक्युद्ध छिड़ गया। स्मृति ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए, असम के चुनावों में मिली हार को उनकी विशिष्ट योग्यता बताया।
आरटीआई का उपयोग कर राजीव प्रताप रूडी ने हटवाया मेट्रो का कार्यालय

आरटीआई का उपयोग कर राजीव प्रताप रूडी ने हटवाया मेट्रो का कार्यालय

सूचना के अधिकार का उपयोग केवल पत्रकार ही नहीं करते बल्कि नेता, मंत्री और अधिकारी भी करते हैं। कई बार इसके दुरुपयोग को लेकर भी चर्चा होती है।
कांंग्रेस की हार और राजीव की याद, भावुक सोनिया ने बढ़ाया हौंसला

कांंग्रेस की हार और राजीव की याद, भावुक सोनिया ने बढ़ाया हौंसला

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 25 वीं पुण्‍यतिथि पर कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने एक बेहद भावुक भाषण दिया। लगातार पराजय का सामना रही देश की सबसे पुरानी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए यह भाषण एक नया संबल हो सकता है। उन्‍हें नई ऊर्जा के साथ आत्‍मविश्‍वास से उठने के लिए और मजबूती दे सकता है।
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