भारत में पहली बार किसी बिल्डिंग को ट्रेडमार्क मिला है। यह बिल्डिंग कोई और नहीं बल्कि मुंबई का ताज महल पैलेस है, जिसे ट्रेडमार्क मिला है। 114 साल पुरानी ताज महल पैलेस की यह बिल्डिंग दुनिया की चुनिंदा ट्रेडमार्क वाली संपत्तियों के क्लब में शामिल हो गई है।
एमसीडी चुनाव में मिली करारी हार के बाद आम आदमी पार्टी में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार से जल और पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा की छुट्टी हो गई है। कुमार विश्वास के करीबी माने जाने वाले कपिल मिश्रा की जगह नजफ़गढ़ के विधायक कैलाश गहलोत को मंत्री बनाया जाएगा, जबकि सीमापुरी से विधायक राजेन्द्र पाल गौतम भी मंत्री बनेंगे।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा की हार के बाद पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने आज दल के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। अखिलेश ने उनसे जनता के बीच दोबारा जाकर पार्टी को नए सिरे से मजबूती प्रदान करने को कहा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार ने भ्रष्टाचार के एक कथित मामले में सीबीआई की ओर से उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किए जाने के एक महीने बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) मांगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि जांचकर्ताओं ने उन्हें बार-बार मुख्यमंत्री को फंसाने के लिए कहा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित भागीरथ पैलेस के कारोबारियों ने एक बड़ा फैसला लेते हुए चीन के बने सामान नहीं बेचने का फैसला लिया है। पिछले कुछ दिनों से देश के विभिन्न वर्गों की तरफ से चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग की जा रही है।
राजस्थान सरकार और जयपुर राजघराने के बीच 2 हजार करोड़ की संपत्ति को लेकर तनातनी बढ़ गई है। राजस्थान सरकार ने राजपरिवार के राजमहल पैलेस से जुड़े करीब 13 बीघे जमीन पर कब्जे को लेकर राजमहल पैलेस के तीन गेटों पर ताला जड़ दिया है। जयपुर राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी भारतीय जनता पार्टी से ही विधायक हैं।
एक विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार को मंगलवार को जमानत दे दी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद कुमार ने एक लाख रूपये के निजी मुचलके पर कुमार को राहत दी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला। मंगलवार को केजरीवाल ने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार अपनी घोर तानाशाही प्रवृत्ति के कारण सब कुछ नियंत्रित करना चाहती है।
सरकारी अधिकारियों की राजनीतिक प्रतिबद्धता वर्षों से विवाद का मुद्दा रही है। कांग्रेस, कम्युनिस्ट, सोशलिस्ट, संघ की विचारधाराओं वाली सरकारें रहने पर यह सवाल उठता रहा है कि नौकरीशाही किसी दल, व्यक्ति या विचार से प्रतिबद्ध रहने के बजाय लोकसेवक के रूप में नियम-कानून के अनुसार सरकार-संगठन द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों और आदेशों का क्रियान्वयन करे।