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मुलायम को मनाने में जुटे लालू, नीतीश को सुलह की आस

मुलायम को मनाने में जुटे लालू, नीतीश को सुलह की आस

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को मनाने के लिए आज दिल्ली रवाना हुए हैं। सपा ने कल बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बने भाजपा विरोधी महागठबंधन से नाता तोड़कर अकेल चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
प्रणब मुखर्जी ने मां को दिया अपनी सभी सफलताओं का श्रेय

प्रणब मुखर्जी ने मां को दिया अपनी सभी सफलताओं का श्रेय

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज अपनी सभी सफलताओं का श्रेय अपनी मां को दिया और बचपन की यादों को ताजा करते हुए कहा कि वह बेमिसाल शरारती लड़के थे जो अपनी मां को खूब परेशान करता था।
राजनीति में अच्छे लोग आएं, तभी देश समृद्ध होगा: पीएम मोदी

राजनीति में अच्छे लोग आएं, तभी देश समृद्ध होगा: पीएम मोदी

राजनीति के ज्यादा बदनाम हो जाने के कारण उसमें अच्छे लोगों के आने से डरने का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बच्चों से कहा कि जिनमें नेतृत्व की क्षमता और लोगों का कल्याण करने की भावना है तो वे निश्चित रूप से राजनीति में आएं। राजनीति में हर क्षेत्र से अच्छे लोग आएं, तभी देश समृद्ध होगा।
मिठास सरहदों की मोहताज नहीं

मिठास सरहदों की मोहताज नहीं

दूध-खोए की बनी मिठाइयां सत्ता हठ के चलते सरहदों की मोहताज हो सकती हैं लेकिन रिश्तों की मिठास किसी लकीर और सरहद की मोहताज नहीं। राजनयिक संबंधों में तनातनी के चलते इस दफा बेशक सरहद पर दोनों देशों ने एक-दूसरे को मिठाइयां नहीं दीं लेकिन इस पार और उस पार के लोगों ने इस रवायत को कायम रखते हुए बता दिया कि दिलों के रिश्ते सरहदी कांटेदार तारों से नहीं काटे जा सकते।
पुराने वादे भूले मोदी, जादू हुआ कम

पुराने वादे भूले मोदी, जादू हुआ कम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले के प्राचीर से जब अपना दूसरा भाषण दे रहे थे तो वह जोश नजर नही आ रहा था जो एक साल पहले था। नरेंद्र मोदी के आज के भाषण में जो नई घोषणाएं थी उसको लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर साल 2014 में 15 अगस्त को जो वादा किया था उसका क्या हुआ।
अखाड़े में बदल चुकी है संसद: राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी

अखाड़े में बदल चुकी है संसद: राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी

स्वतंत्रता की 68वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देशवासियों का हार्दिक अभिनंदन किया है। राष्ट्र के नाम संदेश में उन्‍होंने संसद में होने वाले हंगामे पर विशेष रूप से टिप्‍पणी करते हुए कहा कि लोकतंत्र की हमारी संस्थाएं दबाव में हैं। संसद परिचर्चा के बजाय टकराव के अखाड़े में बदल चुकी है। अच्छी से अच्छी विरासत के संरक्षण के लिए लगातार देखभाल जरूरी होती है। समय आ गया है कि जब जनता तथा राजनैतिक दल गंभीर चिंतन करें।
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