Advertisement

Search Result : "राष्‍ट्रीय महासचिव"

शिवराज का खतरा टला विजयवर्गीय बनाए गए राष्ट्रीय महासचिव

शिवराज का खतरा टला विजयवर्गीय बनाए गए राष्ट्रीय महासचिव

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन में खाली पदों पर बुधवार को जारी सूची में सबसे चौकाने वाला नाम कैलाश विजयवर्गीय का था। विजयवर्गीय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए बड़ा खतरा बताए जा रहे थे। लेकिन विजयवर्गीय को राष्ट्रीय महासचिव बनाकर पार्टी अब कुछ और जिम्मेदारी देने के मूड में हैँ।
भेदभाव नहीं करता योग: बान की-मून

भेदभाव नहीं करता योग: बान की-मून

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने इस बात पर जोर दिया है कि योग भेदभाव नहीं करता है। उन्होंने कहा कि जब अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने अपना पहला आसन करने की कोशिश की तो इससे उन्हें एक संतुष्टि की अनुभूति हुई।
म्यांमार का दावा, उसकी सीमा में नहीं मारे गए उग्रवादी

म्यांमार का दावा, उसकी सीमा में नहीं मारे गए उग्रवादी

पिछले दो दिनों से भारतीय सेना की ऐतिहासिक कार्रवाई पर अपनी पीठ थपथपा रही केंद्र सरकार की खुशियों पर म्यांमार ने पानी फेर दिया है। म्यांमार के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी बयान में इस बात का खंडन किया गया है कि भारतीय सेना ने उसकी सरजमीं पर कोई कार्रवाई करते हुए उग्रवादियों को ढेर किया है। म्यांमार सरकार का यह भी दावा है कि उसकी सेना ने भारतीय सेना को किसी तरह की मदद नहीं की है।
रसायन विज्ञानी माॅरीशस की पहली महिला राष्‍ट्रपति

रसायन विज्ञानी माॅरीशस की पहली महिला राष्‍ट्रपति

मॉरीशस की पहली महिला राष्‍ट्रपति अमीना गुरीब फाकिम रसायन विज्ञान की जानी-मानी प्रोफेसर हैं और सेहत व सौंदर्य से जुड़े उत्‍पादों के निर्माण में जड़ी-बूटियों के इस्‍तेमाल पर शोध करती हैं।
हम गिलगित-बालतिस्तान वासियों के संघर्ष के साथ हैं

हम गिलगित-बालतिस्तान वासियों के संघर्ष के साथ हैं

भारत-पाकिस्तान विवादों में ताजा कड़ी जुड़ गई। पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित- बालतिस्तान क्षेत्र में नया चुनाव करा रहा है। मालूम हो कि अपने हिस्से वाले कश्मीर को पाकिस्तान अनेक अलग-अलग टुकड़ों में पहले ही बांट चुका है जिनमें एक गिलगित-बालतिस्तान है। पाकिस्तान एक हिस्सा चीन को सौंप चुका है। दो अन्य हिस्से हैं – हुंजा या उत्तरी इलाके और पाक अधिकृत कश्मीर जिसमें मीरपुर और मुजफ्फराबाद के क्षेत्र हैं। भारत सरकार इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज करा चुकी है। इस तथा अन्य मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, जम्मू-कश्मीर के पार्टी प्रभारी और भारतीय जनता पार्टी में विदेशी मामलों को देख रहे राम माधव ने आउटलुक हिंदी से बात की।
सरकार सौरभ कालिया मामले पर अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट जाने को तैयार

सरकार सौरभ कालिया मामले पर अंतरराष्‍ट्रीय कोर्ट जाने को तैयार

कारगिल शहीद सौरभ कालिया मामले पर बदला सरकार का रुख। विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने कहा कि शहीद सौरभ कालिया सहित पांच अन्य भारतीय जवानों को न्याय दिलाने के लिए केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद इंटरनेशनल कोर्ट में जाएगी। केंद्र सरकार ने आज ही यह निर्णय लिया है। इससे पहले संसद में विदेश राज्‍यमंत्री वीके सिंह की ओर से दिए जवाब के हवाले से खबर आई थी कि सरकार इस मामले को अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय में नहीं ले जाना चाहती है।
सीआईसी, सीवीसी प्रमुखों के नामों को मंजूरी

सीआईसी, सीवीसी प्रमुखों के नामों को मंजूरी

वरिष्ठतम सूचना आयुक्त विजय शर्मा को नया मुख्य सूचना आयुक्त और पूर्व सीबीडीटी प्रमुख केवी चौधरी को नया केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त नियुक्त किए जाने की संभावना है। सरकार और विपक्ष आज मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) और केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के नामों पर राजी हो गए। ये पद पिछले नौ महीने से भी ज्यादा समय से रिक्त पड़े हैं। जिसे लेकर सरकार की खूब आलोचना हो रही थी।
राष्‍ट्रपति के इंटरव्‍यू से बोफोर्स का जिक्र हटवाने की कोशिश

राष्‍ट्रपति के इंटरव्‍यू से बोफोर्स का जिक्र हटवाने की कोशिश

मना करने के बावजूद राष्‍ट्रपति के मुहं से अनायास निकली बात के प्रकाशन को लेकर भारत ने स्‍वीडिश दैनिक से कड़ा विरोध दर्ज कराया है। स्‍वी‍डन में भारतीय राजदूत के जरिए बोफोर्स सौदे से जुड़ी बातों को छपने से रोकने की कोशिश की गई थी, लेकिन अखबार ने इसे नजरअंदाज किया।
दिल्ली संकट पर चुप्पी तोड़ें राष्ट्रपति

दिल्ली संकट पर चुप्पी तोड़ें राष्ट्रपति

देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
Advertisement
Advertisement
Advertisement