भारत सरकार का पर्यटन मंत्रालय जल्द ही बुद्ध सर्किट की तरह भारत भर में कृष्ण और राम सर्किट बनाने पर विचार कर रहा है। रामायण से जुड़े स्थानों पर काम भी शुरू हो गया है।
भारत और बांग्लादेश के बीच अंतरदेशीय जल पारगमन एवं व्यापार प्रोटोकॉल (आईडब्ल्यूटीटीपी) के औपचारिक तौर पर लागू होने के बाद खाद्यान्न एवं ईंधन जैसे आवश्यक जिंसों को पड़ोसी देश बांग्लादेश के रास्ते त्रिपुरा भेजने के कदम उठाए जा रहे हैं। इस संधि में बांग्लादेश के रास्ते पूर्वोत्तर के भारतीय इलाकों में व्यापार पारगमन की अनुमति का प्रावधान है।
जीत का जश्न अभी थमा भी नहीं कि बंगाल में राजनीतिक हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष ने सरगर्मी तेज कर दी है। इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ ही राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के साथ भी टकराव के रास्ते पर हैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राजनीतिक हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताई है और उन्हें कहा है कि पुलिस को संयत रहकर और निष्पक्ष होकर काम करने का निर्देश दें। उधर, विपक्षी कांग्रेस और वाममोर्चा गठबंधन ने ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण समारोह का बॉयकॉट करने का ऐलान किया है। ममता बनर्जी 27 मई को राजभवन में शपथ लेंगी।
युग बदल गया है। अब कुरुक्षेत्र में सत्ता के लिए आमने-सामने संघर्ष नहीं होता। सोमनाथ से अयोध्या की रथयात्रा ने भारतीय जनता पार्टी को पहली बार सत्ता दिलाई। सोमनाथ की तरह काशी (बनारस-वाराणसी) भी आजादी के बाद राजनीतिक सत्ता संघर्ष का एक बड़ा केंद्र रहा है।
भारत में काला धन आने-जाने के एक बड़े रास्ते पर अब पहरे की पहल हुई है। वर्षों से मॉरीशस के साथ ऐतिहासिक संबंधों के कारण करों में बड़ी रियायत की एक टैक्स संधि के प्रावधान का दुरुपयोग कई कंपनियों द्वारा किया जा रहा था। व्यापारी ही नहीं बड़े अफसर और नेता भी अपने रिश्तेदारों के नाम पर करोड़ों रुपयों का लेन-देन कर रहे थे।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए इस साल से शुरू हुए नए रास्ते, (सिक्किम से हो कर गुजरने वाला) के कारण उत्तराखंड से होकर जाने वाले पुराने मार्ग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। इस रास्ते को लेकर तीर्थ यात्रियों के बीच आकर्षण कम नहीं हुआ है।