नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई। हंगामे के ही बीच भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) विधेयक, 2015 को सदन की प्रवर समिति को सौंपने के लिए एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर संसद में कांग्रेस का हंगामा जारी है। बदले की राजनीति का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के सांसदों ने आज भी राज्यसभा में भारी हंगामा किया जिसके कारण बैठक तीन बार स्थगन के बाद दोपहर दो तक के लिए स्थगित कर दी गई।
नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर राहुल गांधी के प्रधानमंत्री कार्यालय पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए सरकार ने आज उन्हें चुनौती दी कि संसद की कार्यवाही को ठप करने के बजाए वह संसद में इस बारे में सुबूत पेश करें।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर कहा कि नेशनल हेराल्ड मामला प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से किया जा रहा 100 फीसदी राजनीतिक प्रतिशोध है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें न्यायपालिका में पूरी आस्था है।
नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर सरकार और कांग्रेस के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। कांग्रेस के निशाने पर सीधे तौर पर जहां प्रधानमंत्री कार्यालय है वहीं कांग्रेस से जुड़े कई वकील और कानून विशेषज्ञ अलग-अलग तरीके से कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को बचाने में जुटे हुए हैं।
मलबा हटाने, जोखिम भरी सफाई करने के लिए चेन्नै में हजारों दलितों को उतारा जा रहा है, मानो ये काम सिर्फ उनका है और उधर राहत वितरण में हो रहा है उनसे भेदभाव
दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके पुत्र और कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य को 19 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आज निर्देश दिया। इसके साथ ही अदालत ने आज के लिए उन्हें व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की याचिका स्वीकार कर ली।
नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी को दिल्ली उच्च न्यायालय में झटका लगा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत द्वारा भेजे गए समन को रद्द करने से इनकार कर दिया है और कांग्रेस के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों को निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट देने से भी इनकार कर दिया है। दोनों बड़े नेताओं को कल 8 दिसंबर को निचली अदालत में पेश होना है। इस फैसले के आते ही कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
पेरिस हमले के बाद अमेरिका पर भी आतंकी हमले का भय दिखाकर अब वहां मुस्लिमों पर कड़ी निगरानी की बातें जोर पकड़ने लगी हैं। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की दावेदारी की दौड़ में आगे चल रहे डोनाल्ड ट्रंप ने सीधे-सीधे यह कहा है कि यदि वे राष्ट्रपति चुने गए तो देश को आतंकवाद से बचाने के लिए अमेरिका में मुस्लिमों के डेटाबेस की व्यवस्था को निश्चित तौर पर लागू करेंगे।