रानाघाट कॉन्वेंट स्कूल में एक वृद्ध नन के साथ बलात्कार के मामले में मुख्य आरोपियों में से एक 28 वर्षीय बांग्लादेशी को यहां के सियालदह रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया है।
प्रख्यात लेखक और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी विभूति नारायण राय ने शनिवार को कहा कि 28 साल पहले मेरठ के हाशिमपुरा में हुए जनसंहार मामले में तत्कालीन सरकार ने पीएसी बल के विद्रोह के डर से समुचित कार्रवाई नहीं की थी और बाद में आई तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकारों ने भी पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए कोई गंभीर पहल करने के बजाय मामले को दबाने की कोशिश की।
दक्षिण अफ्रीकी सरकार में शीर्ष स्तर पर एक करोड़ डालर के भुगतान को स्वीकृति दी गई थी जिसके बारे में अमेरिकी जांचकर्ताओं को संदेह है कि यह 2010 फुटबाल विश्व कप की मेजबान हासिल करने के लिए रिश्वत थी। एक मीडिया रिपोर्ट में आज यह दावा किया गया।
तेलंगाना विधान परिषद के चुनाव में अपनी पार्टी के पक्ष में मतदान कराने के लिए एक मनोनीत विधायक को कथित तौर पर रिश्वत देने की कोशिश करने के मामले में गिरफ्तार तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के विधायक रेवंत रेड्डी को सोमवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
फुटबॉल की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्था के उपाध्यक्ष सहित नौ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इनमें से कुछ अधिकारियों ने अपने गुनाह भी कबूल लिए हैं। एफबीआई की जांच से पता चला है कि कुल चौदह अधिकारियों ने दक्षिण अफ्रीका में 2010 की विश्व कप मेजबानी के लिए करीब 15 करोड़ डॉलर की रिश्वत ली थी।
धर्मशाला में हुए कथित बलात्कार मामले को लेकर दिनभर राजनीतिक माहौल गरम रहा। पुलिस ने प्रेस वार्ता कर गैंगरेप की घटना से साफ इंकार कर दिया है। पुलिस का कहना है कि वे मामले की छानबीन कर रही है। उधर मुख्यमंत्री वीरभद्र ने कहा कि यह राजनीतिक षडयंत्र है। जांच की जा रही है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि लड़की का इस्तेमाल सरकार की छवि खराब करने के लिए किया जा रहा है
गुजरात के अक्षरधाम मंदिर में आतंकी हमले के इल्जाम से बरी हुए मुफ्ती अब्दुल कयूम ने अपने दर्द को किताब के जरिए बताया है। '11 साल जेल में' शीर्षक से लिखी गई इस किताब में कयूम ने पुलिस प्रताड़ना से लेकर सामाजिक बुराइयों के बारे में विस्तार से लिखा है।
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को विवादास्पद किशोर न्याय कानून संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। संशोधित विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि किशोर न्याय बोर्ड यह निर्णय करेगा कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में शामिल 16 वर्ष से अधिक उम्र के किशोर को सुधार गृह में रखा जाये या उस पर सामान्य अदालत में मुकदमा चलाया जाये। इस बारे में बात किए जाने पर वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर का कहना है ‘ यह बहुत ही गलत फैसला है। इसके तहत सिर्फ यह देखा जा रहा है कि जेलें कैसे भरी जाएं, यह नहीं देखा जा रहा कि बालसुधार गृहों में क्या सुधार किए जाएं, बच्चों को सामाजिक माहौल कैसा दिया जाए, उनकी मनोविज्ञानिक चिकित्सा के सिलसिले में क्या किया जाए या उन्हें किस प्रकार की वोकेशल ट्रेनिंग दी जाए।’