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‌अयोध्या में क्रांतिकारी-स्मृति व फिल्म महोत्सव 16 दिसंबर से

‌अयोध्या में क्रांतिकारी-स्मृति व फिल्म महोत्सव 16 दिसंबर से

अवाम का सिनेमा ने तय किया है कि छोटे कस्बों, दूरदराज के गांवों में गुमनामी में पड़े क्रांतियोद्धाओं की कहानियां दुनिया के फलक पर दस्तावेजों के साथ लायी जाएगी। 2006 में शाह आलम और उनके हमख्याल चंद साथियों के जरिए शुरू की गई इस मुहिम ने दस बरस पूरे कर लिए हैं। इस कड़ी में अयोध्या में अवाम का सिनेमा16 से 19दिसंबर, 2016 तक चार दिवसीय फिल्म फेस्टिवल एवं क्रांतिकारी स्मृति महोत्सव आयोजित कर रहा है।
देशभर के सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रीय गान बजेगा:शीर्ष कोर्ट

देशभर के सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रीय गान बजेगा:शीर्ष कोर्ट

उच्चतम न्यायालय ने देशभर के सिनेमा घरों में फिल्म के प्रदर्शन से पहले राष्‍ट्र गान बजाये जाने का अहम निर्देश दिया। न्यायालय ने लोगाें को सिनेमा घरों में राष्‍ट्रगान बजाये जाने के दौरान खड़े होने का भी निर्देश दिया है। शीर्ष कोर्ट ने कहा जब राष्‍ट्रगान बजाया जा रहा हो उस समय पर्दे पर राष्‍ट्र ध्वज दिखाया जाना चाहिए।
नोटों की किल्लत : सिनेमा हालों में सन्नाटा, शो रूम में ग्राहकों का अता पता नहीं

नोटों की किल्लत : सिनेमा हालों में सन्नाटा, शो रूम में ग्राहकों का अता पता नहीं

पुराने 500 और 1000 के नोट बंद होने के एक सप्‍ताह बाद भी स्थिति सामान्य नहीं हो पायी है। बड़ी दुकानें बंद हैं। माल मल्टीप्लेक्स में सन्नाटा है। बैंकों के सामने लंबी लंबी लाइनें लगी हैं और लोग अपने नोटों को नये नोट में बदलवाने के लिये सुबह से ही लाइन में लगे हैं।
उपहार सिनेमा कांड: हादसे के बाद न्याय के लिए जारी लड़ाई पर किताब

उपहार सिनेमा कांड: हादसे के बाद न्याय के लिए जारी लड़ाई पर किताब

दिल्ली के उपहार सिनेमा हादसे के 59 पीड़ितों में से दो के माता-पिता ने इस सदमे तथा न्याय के लिए अपनी लंबी लड़ाई पर एक किताब लिखी है। ट्रायल बाय फायर का प्रकाशन पेंगुइन रेंडम हाउस इंडिया ने किया है।
सर्बिया के निर्देशक ने उत्तराखंड को विश्व सिनेमा के मानचित्र पर उकेरा

सर्बिया के निर्देशक ने उत्तराखंड को विश्व सिनेमा के मानचित्र पर उकेरा

सर्बिया के जाने-माने निर्देशक गोरन पास्कलजेविक ने अपनी हालिया फिल्म देव भूमि के जरिये उत्तराखंड को विश्व मानचित्र पर उकेरा है।
फ़िल्म उद्योग में और कितने मुबारक बेगम !

फ़िल्म उद्योग में और कितने मुबारक बेगम !

अपने ज़माने की बेहतरीन गायिका मुबारक बेगम दुनिया से विदा हो गईं । 'शो मस्ट गो ऑन' के दर्शन में यक़ीन रखने वाली फ़िल्म इंडस्ट्री की आबोहवा पर उनकी रुख़्साती से कोई फ़र्क़ ना तो पड़ना था और ना ही पड़ा । बेशक आम भारतीय आज भी उनके गीत 'कभी तनहाइयों में यूँ तुम्हारी याद आएगी' में खोए हों मगर फ़िल्म उद्योग ने तो उन्हें वर्ष 1980 में तब ही भुला दिया था जब उन्होंने आख़िरी बार किसी हिंदी फ़िल्म के लिए गाना गाया था ।
मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को दादासाहेब फाल्के सम्मान

मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को दादासाहेब फाल्के सम्मान

मशहूर अभिनेता मनोज कुमार को साल 2015 का दादासाहेब फाल्के अवार्ड दिया जाएगा। अपनी विशिष्ट अभिनय शैली और देशभक्ति की भावना से भरी फिल्मों के लिए मनोज कुमार लाखों भारतीय दिलों पर राज करते हैं।
शादी के 15 साल बाद पत्नी अधुना से अलग हुए फरहान अख्तर

शादी के 15 साल बाद पत्नी अधुना से अलग हुए फरहान अख्तर

बॉलीवुड जगत की कुछ बेहतरीन जोड़ियों में से एक, अभिनेता फरहान अख्तर और उनकी पत्नी अधुना की 15 साल पुरानी शादी अब टूट चुकी है। फरहान अख्तर और पत्नी अधुना ने एक साझा बयान जारी कर अपने अलगाव की घोषणा की है।
‘सलमान बोरिंग, मुझे रणबीर पसंद’

‘सलमान बोरिंग, मुझे रणबीर पसंद’

फिल्म निर्माता अनुराग बसु ने कहा है कि वह सलमान खान जैसे एक बोरिंग अभिनेता के साथ काम करने की बजाय जोखिम लेने वाले रणबीर कपूर के साथ काम करना पसंद करेंगे। बसु अपनी आगामी फिल्म जग्गा जासूस के लिए रणबीर के साथ काम कर रहे हैं और बॉक्स आफिस पर अभिनेता के खराब प्रदर्शन से वह जरा भी विचलित नहीं हैं। बर्फी में रणबीर को पहले निर्देशित कर चुके बसु ने कहा कि वह रणबीर की प्रयोगात्मक प्रकृति के प्रशसंक हैं।
प्रतिरोध: देश भर में 'मुजफ्फरनगर बाकी है' का प्रदर्शन

प्रतिरोध: देश भर में 'मुजफ्फरनगर बाकी है' का प्रदर्शन

2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मुजफ्फरनगर बाकी है काफी चर्चा में रही है। यह फिल्म दंगे के दौरान के हालात और वहां के स्थानीय लोगों की भावनाओं का बखूबी इजहार करती है। फिल्म के जरिये उन तत्वों की तरफ इशारा किया गया है जो मुजफ्फरनगर के हालात के जिम्मेदार हैं। यही वजह है कि इस फिल्म का प्रदर्शन कई संगठनों के गले नहीं उतर रहा है। कई बार फिल्म के प्रदर्शन को बलपूर्वक रोकने की कोशिश की गई। ऐसे ही दमनकारी आक्रमणों के प्रतिरोध में फिल्म की टीम और अन्य कई संगठनों ने मिलकर एक ही दिन पूरे देश में फिल्म का प्रदर्शन किया।
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