तेजाब हमले की पीड़िता ने अदम्य साहस दिखाते हुए एमटीवी के रियलिटी शो रोडीज के ऑडिशन में हिस्सा लिया। कार्यक्रम के निर्णायक एवं गैंग लीडर तब हैरान रह गए जब वह पूरे आत्मविश्वनास से आईं।
निर्भया बलात्कार कांड के नाबालिग मुजरिम के बाल सुधार गृह से 21 दिसंबर को छूटने के बाद भी उस मसले पर बहस जारी है और नए बाल अपराध कानून को लेकर मशक्कत चल रही है। इस संबंध में इस संवाददाता को उस समय का एक प्रसंग याद रहा है।
दिल्ली के कुख्यात उबर कैब बलात्कार मामले में अदालत ने कैब के चालक शिवकुमार यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उसे 19 अक्टूर को इस मामले में दोषी ठहराया गया था। यादव पर एक 25 वर्षीय युवती से बलात्कार का आरोप था।
दिल्ली की एक अदालत ने आज उबर कैब के एक ड्राईवर को 25 वर्षीय महिला एग्जीक्यूटिव के साथ टैक्सी में बलात्कार करने और उसकी जान को खतरे में डालने का दोषी ठहराया है। इस मामले में ड्राईवर शिव कुमार यादव को अधिकतम सजा उम्र कैद की सजा हो सकती है। इसकी सजा पर 23 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
दिल्ली में मासूमों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ती जा रही है। पिछले सप्ताह उत्तर पश्चिम दिल्ली में चार साल की लड़की से दुष्कर्म का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि दो नाबालिगों के साथ फिर दुष्कर्म का मामला सामने आया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटना के बाद प्रधानमंत्री और उपराज्यपाल पर एक बार फिर निशाना साधा है। केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री और उपराज्यपाल क्या कर रहे हैं।
नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद मानव तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। गुड़गांव में सऊदी राजनयिक के फ्लैट से छुड़ाई गई नेपाली मां-बेटियों ने इस त्रासदी की भयानक तस्वीर पेश की है।
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव एक बार फिर विवादास्पद बयान की वजह से सुर्खियों में हैं। अब उनका बयान सामने आया है कि एक महिला के साथ चार पुरुष रेप (दुष्कर्म) कर ही नहीं सकते। रेप एक व्यक्ति करता है लेकिन चार लोगों को नामजद कर दिया जाता है।
कानून के अनुसार 20 सप्ताह से उपर के गर्भ को गिराने की अनुमति नहीं है। हालांकि शीर्ष अदालत ने 14 वर्षीय लड़की और उसके परिवार को राहत देते हुए 25 हफ्ते का भ्रूण गिराने की अनुमति दे दी।
बलात्कार पीड़ित नाबालिग मां के बच्चे के जन्म लेने के बाद परिवार, समाज या कानून से उसे ऐसी व्यवस्था नहीं मिल पाती, जिसमें बच्चा आवश्यक जरूरी सुविधाओं के साथ पल-बढ़ सके। बल्कि वह सबके लिए एक बोझ सरीखा बन जाता है। अहमदाबाद की बच्ची को कानून से थोड़ा छूट देते हुए 25 सप्ताह के गर्भपात की इजाजत जरूर मिलनी चाहिए थी, और मिली भी। यहीं पर इस तरह के तमाम सवाल कानून के दायरे में रहकर जवाब मांगते हैं।