दिल्ली स्ट्डी ग्रुप के अध्यक्ष व वरिष्ठ भाजपा नेता विजय जौली द्वारा आयोजित ‘‘रोजा इफ्तार’’ दावत कार्यक्रम में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सहित कई देशों के राजनयिकों ने शिरकत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा की तरह इस बार भी राष्ट्रपति के निमंत्रण के बावजूद रमजान के इफ्तार का खजूर और बिरयानी खाने नहीं गए। गुजरात के मुख्यमंत्री के नाते भी उन्होंने स्वयं कभी इफ्तार का आयोजन करना या जाना पसंद नहीं किया था।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर भाजपा और आरएसएस को आड़े हाथ लिया है। वरिष्ठ कांंग्रेसी नेता ने कहा कि देश की सीमा पर एक तरफ हमारे सैनिक शहीद हो रहे हैं और आरएसएस पाकिस्तानी उच्चायुक्त को बुलाकर उन्हें इफ्तार की दावत दे रहा है।
मुस्लिम विरोधी तमगा हटाने और मुस्लिमों के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते बनाने की कोशिश के तहत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध मुस्लिम राष्ट्रीय मंच 2 जुलाई को इफ्तार पार्टी आयोजित करने जा रहा है। इस पार्टी के लिए पाकिस्तान समेत कई देशों के राजदूतों को निमंत्रण दिया गया है।
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार है। पार्टी विचारधारा से नास्तिक है। लिहाजा सरकार ने चीन में रोजे रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस तरह यहां रहे रहे मुस्लिम समुदाया के लोग रमजान के महीने में रोजा नहीं रख पाएंगे। यह बैन खासकर उन जगहों के लिए है जहां पर मुस्लिम लोग बहुल संख्या में रहते हैं।
भारतीय प्रेस काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने मंगलवार से शुरू हो रहे रमजान के महिने में सभी गैर मुस्लिमों से एक दिन रोजा रखने की अपील की है। काटजू ने ऐसा मुस्लिमों के साथ एकजुटता दिखाने और सांप्रदायिकता के जहर को खत्म करने के मकसद से कहा है।
इस्लामिक कैलेंडर के पवित्र महीने रमजान की शुरुआत होने वाली है। इस माह में मुस्लिम धर्म के लोग रोजे रखते हैं। रोजे के दौरान पूरे दिन भर कुछ भी नहीं खाया और पिया जाता है। ऐसे में दिल की बीमारी से जूझ रहे लोगों को रोजे रखने की वजह से परेशानी हो सकती है। इस बारे में भारत के प्रमुख ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. उपेंद्र कौल ने ऐसे मरीजों को इस महीने में बहुत अधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है।
पिछले साल कश्मीर के बाढ़ पीडि़तों के साथ दीपावली मनाने के बाद अब पीएम मोदी श्रीनगर में ईद मना सकते हैं। उनकी ओर से श्रीनगर में एक इफ्तार पार्टी के आयोजन की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में गंगा-जमुनी तहजीब की अनूठी मिसाल पेश करते हुए हिंदू धर्मगुरुओं तथा मतावलंबियों ने मुसलमानों के साथ मिलकर रोजा रखना शुरू कर दिया है। विकास की दौड़ में पिछड़े इस जिले में एम्स स्थापना की मुहिम के तहत शुरू की गई इस मुकद्दस कोशिश की हर तरफ चर्चा हो रही है।