दिलवाले दुलहनिया ले जाएंगे को आए कितने साल बीत गए। पूरे 20 साल जी। शाहरूख-काजोल की यह जोड़ी आज तक वहीं पर खड़ी है। जब भी दोनों की बात होती है इस फिल्म की चर्चा जरूरी होती है।
रोहित शर्मा के शतक के बावजूद कानपुर में खेले गए पहले वनडे मैच में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को पांच रनों से हार दिया। पिछले 10 दिन में यह दूसरा मौका है जब रोहित के शतक के बावजूद भारत को शिकस्त का सामना करना पड़ा है। दक्षिण अफ्रीका ने भारत के सामने जीत के लिए 304 रनों का लक्ष्य रखा था जिसके जबाव में भारत निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट पर 298 रन ही बना पाया। इस हार के साथ कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी और टीम में उनकी जगह पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
संगीत नाटक अकादमी लंबे समय बाद फिर सक्रिय हो गई है। पिछले दिनों अकादमी में बेगम अख्तर की जन्मशती वर्ष पूरे होने के अवसर पर नामी कलाकारों के कार्यक्रम कराए।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे ट्वेंटी-20 मैच में भारतीय टीम के घटिया प्रदर्शन के कारण तीन मैचों की शृंखला तो गंवानी ही पड़ी, उग्र दर्शकों के शर्मनाक व्यवहार ने भी भद्रजनों के इस खेल को शर्मसार कर दिया। भारतीय टीम महज 17.2 ओवर में 92 रन बनाकर सिमट गई। दक्षिण अफ्रीका ने इस आसान लक्ष्य को छह विकेट और 17 गेंद रहते हासिल कर लिया।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ धर्मशाला में शृंखला का पहला ट्वेंटी-20 मैच हारने वाली भारतीय टीम के कुछ खिलाड़ियों ने विश्व कीर्तिमान भी बनाए हैं। मसलन रोहित शर्मा ने इस फॉर्मेट में अपना पहला शतक जड़कर भारत की तरफ से सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर करने का कीर्तिमान बनाया है। हालांकि इसके बावजूद भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के हाथों सात विकेट से पराजित हो गई।
अपने सहकलाकारों के प्रति शाहरूख का प्रेम कम ही देखने को मिलता है। लेकिन आजकल वह अपने जूनियरों की खूब तारीफ कर रहे हैं। हाल ही में सोनू सूद की तारीफ के बाद इस बार वरुण धवन का नंबर आया है। शारूख आजकल दूसरों की तारीफ में इतने व्यस्त हैं कि सभी को लग रहा है उन्हें अचानक क्या हुआ है।
साहिर लुधियानवी और अमृता प्रीतम के प्रेम के किस्से ही किस्से हैं। एक शायर तो एक कहानियों को शब्द देने वाली। ता उम्र दोनों साथ न रहते हुए भी एक-दूसरे को शिद्दत से प्रेम करते रहे। इसी प्रेम कहानी को एक मुलाकात नाम से नाटक के माध्यम से मंच पर उतारा गया।
इस वर्ष का राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पूरी तरह एक नए अंदाज में मनाया गया। पहले तो हमने देखा कि किसी भी कक्षा में घुस जाने की ताकत रखने वाले हर महत्वपूर्ण सरकारी शख्स ने 'मैं भी शिक्षक’ का अपना सपना साकार किया। कड़वा सच बताना पड़ेगा कि हमारे अब तक के इस मंत्रिमंडल में सबसे कम पढ़े-लिखे लोग हैं। लेकिन उन्हें पढ़ाना अच्छा लगता है। और वे कभी-कभी पढ़ना भी पसंद करते हैं लेकिन वे अपने पसंदीदा शिक्षक और गुरुओं के गुरू आरएसएस के सिवा किसी और से पढ़ना नहीं चाहते।