देश का निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर गिरा है। सालाना आधार पर तुलना करें तो इस साल जनवरी में यह 11.19 प्रतिशत गिरकर 23.88 अरब डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि सस्ते तेल के आयात के कारण व्यापार घाटा थोड़ा सुधरा है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ योजना को इससे गहरा झटका लग सकता है।
गुजरात दंगों के ख़िलाफ़ निरंतर सक्रिय रहने वाली ऐक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को कानूनी पचड़ों में फंसाये जाने को लेकर मुखर विरोध शुरू हो गया है। देशभर के कई जाने-माने बुद्धिजीवियों ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए तीस्ता के पक्ष में अभियान शुरू कर दिया है। अब तक इस अभियान से हज़ारों लोग जुड़ चुके हैं।
2002 के गुजरात दंगों के ख़िलाफ़ मुखर ऐक्टिविस्ट तीस्ता शीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद की अग्रिम जमानत गुजरात हाई कोर्ट ने रद्द कर दी है। उन पर दंगा पीड़ितों के लिए एकत्र चंदे में हेर-फेर का केस चल रहा है।
पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी अब तक टीम इंडिया का चुनाव न होने से हैरान हैं। बेदी का मानना है कि विश्व कप में दस दिन से भी कम समय बचा है और भारत अपनी मुख्य टीम की पहचान तक नहीं पा रहा है। इससे टीम के प्रदर्शन पर असर पड़ सकता है।
दंगे के चौथे दिन बुधवार को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पीडि़तों का दर्द जानने पहुंचे। घटना को दुखद बताते हुए उन्होंने इसमें बाहरी लोगों का हाथ होने की आशंका जताई। साथ ही कनीय पुलिस अधिकारियों को भी इसके लिए दोषी ठहराया।
दंगे को लेकर सरैया थाना पुलिस की भूमिका कठघरे में है। छात्र भारतेंदु के अपहरण के आरोपी के खिलाफ सुबूत देने पर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वह युवक के सकुशल होने की बात कहती रही। जैसे ही छात्र का शव मिला लोग बेकाबू हो गए। पुलिस की कमजोरी यहां भी सामने आई। क्योंकि लगातार सूचना दिए जाने के बाद भी पुलिस वहां नहीं पहुंची। जबकि दो घंटे तक उपद्रवी हिंसा व आगजनी करते रहे।
ललित मोदी ने लीक से हटकर क्रिकेट से मोटा मुनाफा कमाने की ख्वाहिश में ट्वेंटी-20 लीग टूर्नामेंट की ऐसी तान छेड़ी कि देश के हर खेलों के लीग टूर्नामेंट के लिए क्या हर छोटे-बड़े उद्योगपति, राजनेता और खिलाड़ी बढ़-चढक़र हिस्सा लेने लग गए।