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Search Result : "लुभावने वादे"

समय गांवों के वादे निभाने का। आलोक मेहता

समय गांवों के वादे निभाने का। आलोक मेहता

भारतीय जनता पार्टी अपने नेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की शताब्दी के अवसर पर राष्ट्रीय परिषद में भविष्य की दशा-दिशा तय कर रही है। दीनदयालजी कांग्रेस और पंडित नेहरू की विचारधारा से कई अहसमतियां रखते थे और कम्युनिस्टों के तो बिल्कुल विरोधी थे। लेकिन भारतीय जनसंघ (जो एक बार जनता पार्टी में विलय के बाद पुनः भारतीय जनता पार्टी बन गई) के लिए भी दीनदयाल उपाध्याय सामाजिक-आर्थिक समानता, ग्रामीण अंत्योदय, राजनीतिक ईमानदारी, त्याग, सत्ता में दंभ के बजाय जनता की सेवा और समर्पण के विचारों को बढ़ाना चाहते थे।
सेल्फी और वादे की मशीन बन चुके मोदी नफरत फैलाने में दक्ष: राहुल

सेल्फी और वादे की मशीन बन चुके मोदी नफरत फैलाने में दक्ष: राहुल

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किसान यात्रा पर निकले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सेल्फी और वादे की मशीन बन चुके मोदी हिन्दुस्तानियों के बीच नफरत फैलाने में खासतौर पर दक्ष हैं।
शिवसेना के 50 साल : स्‍थापना के वो वादे हुए फुर्र, सैनिकों को याद कहां

शिवसेना के 50 साल : स्‍थापना के वो वादे हुए फुर्र, सैनिकों को याद कहां

19 जून 1966 को बाल ठाकरे ने महाराष्‍ट्र में शिवसेना की स्‍थापना की थी। उन्‍होंने उस वक्‍त वादा किया था कि दल का उद़देश्‍य 80 फीसदी सामाजिक कार्य और 20 फीसदी राजनीति करना होगा। लेकिन शिवसेना की उधेड़बुन की राजनीति से यह आभास हो रहा है कि शिवसेना ने स्‍थापना के अपने स्‍लोगन को लगभग भुला दिया है। गठन के बाद से ही शिवसेना ने खुद को 100 फीसदी राजनीतिक पार्टी के तौर पर स्‍थापित किया है।
'अपराध के मामलों में किसी को नहीं बख्‍शेंगे’

'अपराध के मामलों में किसी को नहीं बख्‍शेंगे’

अपनी सरकार के कार्यकाल के चार साल से अधिक पूरा कर चुके उत्तर प्रदेश के अब तक के सबसे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनौतियों के बीच भी आत्मविश्वास से लबरेज नजर आते हैं। आउटलुक से उन्होंने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के अंश:
सुशील कुमार का आरोप डब्ल्यूएफआई वादे से मुकर रहा

सुशील कुमार का आरोप डब्ल्यूएफआई वादे से मुकर रहा

ओलिंपिक में दो बार पदक जीत चुके पहलवान सुशील कुमार ने कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ रियो खेलों से पहले पुरूष 74 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में ट्रायल कराने के अपने वादे से मुकर रहा है। ट्रायल कराया जाना चाहिए जिससे फैसला हो सके कि उनके और नरसिंह यादव के बीच कौन बेहतर है।
चर्चाः मुफ्त बिजली, महंगा सौदा | आलोक मेहता

चर्चाः मुफ्त बिजली, महंगा सौदा | आलोक मेहता

एक बार फिर लुभावना वायदा। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के ‌लिए अन्नाद्रमुक की नेता सुश्री जयललिता (अम्मा के रूप में लोकप्रिय) ने इस बार जीतने पर महिलाओं को 100 मेगावाट बिजली मुफ्त देने की घोषणा कर दी है। प्रदेश में पुरुषों से अधिक महिला मतदाता हैं और अम्मा उन्हें हरसंभव जोड़े रखना चाहती हैं।
बचे समय में कितने वादे पूरे कर पाएंगे अखिलेश यादव

बचे समय में कितने वादे पूरे कर पाएंगे अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार चुनावी मोड में है। अपने चार साल के कार्यकाल को प्रदेश के लिए सर्वोत्तम बताते हुए मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने सारे वायदे पूरे किए हैं, अब जनता को चाहिए कि उन्हें रिटर्न गिफ्ट के रूप में 2017 में फिर से सत्ता सौंपे। उनका दावा है कि वह प्रदेश का छठा बजट भी पेश करेंगे। इसलिए उनके समर्थक अभी से नारे लगाने लगे हैं-पूरे हुए वायदे, अब हैं नए इरादे....कहो दिल से, अखिलेश फिर से....।
अखिलेश सरकार के चार साल : उपलब्धियों के साथ वादे निभाने की चुनौतियां भी

अखिलेश सरकार के चार साल : उपलब्धियों के साथ वादे निभाने की चुनौतियां भी

ग्रामीण जनाधार वाली पार्टी की पहचान से इतर नया कलेवर लेकर उत्तर प्रदेश की सत्ता में आयी समाजवादी पार्टी सरकार मंगलवार को अपने गठन के चार साल पूरे कर लेगी। इस दौरान अखिलेश यादव सरकार ने जहां प्रदेश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने के कई अच्छे प्रयास किये वहीं कानून-व्यवस्था इस पूरी अवधि में बड़ा सवाल बनी रही।
बिहार चुनाव का हवाला दे असम में राहुल ने साधा मोदी पर निशाना

बिहार चुनाव का हवाला दे असम में राहुल ने साधा मोदी पर निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज उन पर चुनाव जीतने के लिए खोखले चुनावी वादे करने और लोगों के बीच मतभेद पैदा करने का आरोप लगाया। राहुल ने लोगों से भाजपा के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
पुराने वादे भूले मोदी, जादू हुआ कम

पुराने वादे भूले मोदी, जादू हुआ कम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले के प्राचीर से जब अपना दूसरा भाषण दे रहे थे तो वह जोश नजर नही आ रहा था जो एक साल पहले था। नरेंद्र मोदी के आज के भाषण में जो नई घोषणाएं थी उसको लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर साल 2014 में 15 अगस्त को जो वादा किया था उसका क्या हुआ।
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