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Search Result : "वादे की मशीन"

चर्चाः मुफ्त बिजली, महंगा सौदा | आलोक मेहता

चर्चाः मुफ्त बिजली, महंगा सौदा | आलोक मेहता

एक बार फिर लुभावना वायदा। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के ‌लिए अन्नाद्रमुक की नेता सुश्री जयललिता (अम्मा के रूप में लोकप्रिय) ने इस बार जीतने पर महिलाओं को 100 मेगावाट बिजली मुफ्त देने की घोषणा कर दी है। प्रदेश में पुरुषों से अधिक महिला मतदाता हैं और अम्मा उन्हें हरसंभव जोड़े रखना चाहती हैं।
शाही दंपति ने बनाया डोसा

शाही दंपति ने बनाया डोसा

ब्रिटेन के राजकुमार प्रिंस विलियम तथा उनकी पत्नी केट मिडलटन ने आज मुंबई के एक रसोईघर में दक्षिण भारतीय लोकप्रिय भोजन डोसा बनाया। और खास बात यह रही कि पहले ही प्रयास में शाही दंपति ने शानदार डोसा बनाया।
हिंसक घटनाओं के बीच पश्चिम बंगाल में 79% और असम में 82% मतदान

हिंसक घटनाओं के बीच पश्चिम बंगाल में 79% और असम में 82% मतदान

पश्चिम बंगाल में पहले चरण के दूसरे दौर और असम चुनाव के दूसरे और आखिरी चरण के लिए आज बंपर वोटिंग के साथ मतदान संपन्न हुआ। असम के 61 विधानसभा क्षेत्रों में आज हुए मतदान में 82 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। जबकि पश्चिम बंगाल में 31 सीटों के लिए 79 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना फैसला ईवीएम मशीनों में बंद कर दिया।
बचे समय में कितने वादे पूरे कर पाएंगे अखिलेश यादव

बचे समय में कितने वादे पूरे कर पाएंगे अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार चुनावी मोड में है। अपने चार साल के कार्यकाल को प्रदेश के लिए सर्वोत्तम बताते हुए मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने सारे वायदे पूरे किए हैं, अब जनता को चाहिए कि उन्हें रिटर्न गिफ्ट के रूप में 2017 में फिर से सत्ता सौंपे। उनका दावा है कि वह प्रदेश का छठा बजट भी पेश करेंगे। इसलिए उनके समर्थक अभी से नारे लगाने लगे हैं-पूरे हुए वायदे, अब हैं नए इरादे....कहो दिल से, अखिलेश फिर से....।
अखिलेश सरकार के चार साल : उपलब्धियों के साथ वादे निभाने की चुनौतियां भी

अखिलेश सरकार के चार साल : उपलब्धियों के साथ वादे निभाने की चुनौतियां भी

ग्रामीण जनाधार वाली पार्टी की पहचान से इतर नया कलेवर लेकर उत्तर प्रदेश की सत्ता में आयी समाजवादी पार्टी सरकार मंगलवार को अपने गठन के चार साल पूरे कर लेगी। इस दौरान अखिलेश यादव सरकार ने जहां प्रदेश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने के कई अच्छे प्रयास किये वहीं कानून-व्यवस्था इस पूरी अवधि में बड़ा सवाल बनी रही।
‘राम मंदिर मुद्दा पैसा कमाने की मशीन है’

‘राम मंदिर मुद्दा पैसा कमाने की मशीन है’

मैं अयोध्या के बाराबंकी कस्बे का रहने वाला हूं। मैंने अपने इलाके और उसके आसपास कभी राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर नफरत का माहौल नहीं देखा। इस माहौल की शुरूआत दिल्ली से हुई। सन 1947 में हमारी जमीन बंटी और 1992 में हमारे दिल बंट गए। जिस दिन हमारे दिल बंटे, वह दिन हमारे लिए सबसे बदनसीब दिन था। चुनाव जीतने के चक्कर में हमारी नस्लें बरबाद हो गईं। हैरान हूं कि यह लोग अभी भी चैन से नहीं बैठ रहे हैं। आखिर यह इस मुद्दे को कहां ले जाकर छोड़ना चाहते हैं?
बिहार चुनाव का हवाला दे असम में राहुल ने साधा मोदी पर निशाना

बिहार चुनाव का हवाला दे असम में राहुल ने साधा मोदी पर निशाना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज उन पर चुनाव जीतने के लिए खोखले चुनावी वादे करने और लोगों के बीच मतभेद पैदा करने का आरोप लगाया। राहुल ने लोगों से भाजपा के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
पुराने वादे भूले मोदी, जादू हुआ कम

पुराने वादे भूले मोदी, जादू हुआ कम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले के प्राचीर से जब अपना दूसरा भाषण दे रहे थे तो वह जोश नजर नही आ रहा था जो एक साल पहले था। नरेंद्र मोदी के आज के भाषण में जो नई घोषणाएं थी उसको लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर साल 2014 में 15 अगस्त को जो वादा किया था उसका क्या हुआ।
वादे पूरे करने में मोदी से आगे केजरीवाल?

वादे पूरे करने में मोदी से आगे केजरीवाल?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम चुनाव के वक्त देश की जनता से कई वादे किये थे। अब केन्द्र में उनकी पार्टी की सरकार को नौ महीने बीत चुके हैं। लेकिन आम जनता को मोदी के वादे पूरे होते नज़र नहीं आ रहे हैं। हाल ही में अपने वादे से हटते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जिस तरह काले धन के मुद्दे पर जन अपेक्षाओं पर चोट की उससे मोदी और उनकी पार्टी की फजीहत ही हुई है। चुनाव से पहले मोदी ने कहा था कि चुनाव जीतने पर उनकी पार्टी विदेशों में पड़ा काला धन वापस लायेगी तो उससे देश के प्रत्येक व्यक्ति के खाते में डेढ़ लाख रुपये जाएंगे। बाद में शाह ने इसे सिर्फ चुनाव जुमला बताया। इसके बाद सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बीजेपी को लोग भारतीय जुमला पार्टी तक कहने लगे। आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले जनता से कुछ वादे किये थे। तब विपक्ष ने, खास तौर पर भारतीय जनता पार्टी ने, उनका मजाक बनाया था। अब केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। सत्ता में आने के बाद केजरीवाल ने बिजली-पानी पर अपना वादा निभा दिया है।
अब दीवाने आम में जवाबदेही

अब दीवाने आम में जवाबदेही

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की ऐतिहासिक जीत के गहरे मायने हैं, जिनकी गूंज राष्ट्रीय राजनीति में दूर और देर तक सुनाई देगी। नई सरकार के सामने चुनौतियां और अपेक्षाएं भी जबर्दस्त हैं।
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