Advertisement

Search Result : "विक्टर बनर्जी"

स्मृति से ओझल होते खास चेहरे

स्मृति से ओझल होते खास चेहरे

मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्मृति ईरानी के कामकाज से असहज महसूस करने वाले कई नामी-गिरामी अधिकारियों ने मंत्रालय से पल्ला झाड़ लिया।
फिल्म समीक्षाः डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्‍शी

फिल्म समीक्षाः डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्‍शी

दो साल के अंतराल के बाद दिबाकर बनर्जी अपनी नई फिल्म डिटे‌क्टिव ब्योमकेश बक्‍शी के साथ लोगों के सामने हैं। बनर्जी ने प्रसिद्ध बांग्ला लेखक शार्देंदू बंद्योपाध्याय रचित प्रसिद्ध चरित्र ब्योमकेश बक्‍शी को केंद्र में रखकर दूसरे विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि में उस दौर के कोलकाता और युद्ध के दौरान जापानी सेना के भारत में लगातार बढ़ते अभियान के साथ-साथ चीनी और जापानी ड्रग माफिया की कहानी को एक सस्पेंस थ्रिलर के रूप में पेश किया है।
नन बलात्कार के खिलाफ एकजुटता

नन बलात्कार के खिलाफ एकजुटता

कैथोलिक बिशप्स कांफ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआइ) के अध्यक्ष बसेलिओस कार्डिनल क्लीमिस कथित रूप से सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई कॉन्वेंट स्कूल की सिस्टर सुपीरियर से मिलने बुधवार को यहां पहुंचे।
ममता-हसीना ने तीस्ता मुद्दे पर बात की

ममता-हसीना ने तीस्ता मुद्दे पर बात की

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को तीस्ता नदी के मुद्दे के समाधान में सकारात्मक भूमिका निभाने का भरोसा दिया।
हसीना के साथ उठाएंगे तीस्ता का मुद्दा: ममता

हसीना के साथ उठाएंगे तीस्ता का मुद्दा: ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उन्होंने भूमि विवाद समझौते के संबंध में समस्याओं को सुलझा लिया है और बांग्लादेश को तीस्ता जल बंटवारे के मुद्दे पर भी उन पर भरोसा करना चाहिए।
ममता के बांग्लादेश दौरे से तीस्ता जल करार की उम्मीद

ममता के बांग्लादेश दौरे से तीस्ता जल करार की उम्मीद

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने राज्य और बांग्लादेश के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए गुरुवार को यहां तीन दिवसीय दौरे पर पहुंची। उनके दौरे से तीस्ता जल बंटवारा करार और भूमि सीमा करार पर आगे बढ़ने की उम्मीदें है। सन 2011 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनका यह पहला दौरा है।
उपचुनाव की जीत से ममता को मिला बल

उपचुनाव की जीत से ममता को मिला बल

पश्चिम बंगाल में एक लोकसभा और एक विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत ने भारतीय जनता पार्टी के मंसूबे पर पानी फेर जिसमें पार्टी का दावा था कि उसका जनाधार बढ़ रहा है।