Advertisement

Search Result : "विक्रम सेठ"

विक्रम सेठ और अनिता देसाई भी लौटा सकते हैं पुरस्‍कार

विक्रम सेठ और अनिता देसाई भी लौटा सकते हैं पुरस्‍कार

देश में बढ़ती कट्टरता, अभिव्‍यक्ति की आजादी पर हमलों और असहिष्‍णुता के खिलाफ पुरस्‍कार लौटाने लेखकों की फेहरिस्‍त में प्रसिद्ध उपन्‍यासकार अनिता देसाई और विक्रम सेठ भी शामिल हो सकते हैं।
यह कैलेंडर बदल दो

यह कैलेंडर बदल दो

साल तो आप नहीं बदल सकते, मगर पसंद न आने पर कैलेंडर तो बदल ही सकते हैं। तो यकीन मान कर चलिए यह ‘कैलेंडर’ अगला हफ्ता आते-आते तक बदल जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में गोमांस पर पाबंदी

जम्मू-कश्मीर में गोमांस पर पाबंदी

भारत शासित कश्मीर में गोमांस बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने गोमांस बेचने पर पाबंदी लगाने के आदेश दिए हैं। साथ ही पुलिस महानिदेशक को यह निर्देश दिए हैं कि पुलिस इस आदेश की तामील करे कि राज्य में कहीं भी गोमांस नहीं बिक पाए।
गठला – आत्माओं का स्थायी पता

गठला – आत्माओं का स्थायी पता

मध्य भारत के भील आदिवासियों की संस्कृति में ऐसा माना जाता है कि मृत और जीवित आत्माएं एक ही साथ एक ही क्षेत्र में निवास करती हैं। मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान के इलाकों में पाई जाने वाली इस भील जाति से जुड़ी ऐसी ही कई अन्य परंपराओं और रीति-रिवाजों को विक्रम मोहन ने एक समकालीन नृत्य नाटिका में समेटा है। उन्होंने इसका नृत्य निर्देशन भी किया है।
ये दिल मांगे न्याय

ये दिल मांगे न्याय

करगिल की चोटी से 'ये दिल मांगे मोर’ का नारा देने वाले शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा का परिवार आज न्याय के लिए सरकारी तंत्र का चक्कर लगा रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा ने देश की जमीन को बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन आज उनका परिवार अपनी ही जमीन पाने के लिए भू-माफिया से जूझ रहा है। कैप्टन विक्रम बत्रा के परिवार के संघर्ष में न तो सरकार का सहयोग मिल रहा है और न प्रशासन का। रोचक तथ्य तो यह है कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से लेकर रक्षामंत्री तक गुहार लगाने वाले इस परिवार की सुध लेने से भी मध्य प्रदेश सरकार गुरेज कर रही है।
विनोद मेहता की पुस्तक का लोकार्पण

विनोद मेहता की पुस्तक का लोकार्पण

आउटलुक पत्रिका के संस्थापक संपादक रहे विनोद मेहता की किताब ‘एडिटर अनप्लग्ड’ का यहां एक सादे समारोह में लोकार्पण किया गया। इस दौरान प्रसिद्ध उपन्यासकार विक्रम सेठ ने पुस्तक के कुछ अंश पढ़कर सुनाए।
Advertisement
Advertisement
Advertisement