बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता नीतीश कुमार को राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर भरासा नहीं। वह राज्यपाल की शिकायत करने राष्ट्रपति के पास दिल्ली पहुंचे हैं।
दिल्ली विधानसभा के मतगणना रुझानों से मोदी के मंसूबों पर झाड़ू फिरना तय लग रहा है। रुझानों के मुताबिक आम आदमी पार्टी सभी दलों से फाफी आगे चल रही है। 'आप' विधानसभा की 70 सीटों में से 65 पर आगे है। जबकि भाजपा सिर्फ 4 सीटों पर आगे चल रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के आगे होने की वजह से विपक्षी पार्टियों में खलबली मच गई है। अपनी हार से हताश होकर अपने-अपने पदों से इस्तीफा देने का दौर शुरू गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरुण यादव दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी के नेताओं को ही जिम्मेवार ठहराते हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी को तगड़ा झटका दिया है। आम आदमी पार्टी को जनता ने बंपर बहुमत से जिताया है। चुनाव के इन नतीजों की राजनीति के महारथी अलग-अलग अंजाज में व्याख्या कर रहे हैं। हम भी इस बारे में अपने पाठकों की राय जानना चाहते हैं।
भाजपा के दिल्ली में धूल-धूसरित होने के कई कारण हैं। 16 मई से चले आ रहे जीतों के सिलसिले का घमंड जिस तरह से पार्टी को बदज़बान, निरंकुश और अतिवादी बनाता जा रहा था, उसमें दिल्ली के दरवाज़े पर कई दस्तकें न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनाई दे रही थीं और न ही पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को। पार्टी के मतांध नेतृत्व की एक के बाद एक ग़लती दो मोर्चों की लड़ाई को एकतरफा हवा में तब्दील करती चली गई और प्रबंधन से लेकर लहर तक के सारे दावे धूल हो गए।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में जीत के तमाम आंकड़ों-अनुमानों को पार कर इतिहास बनाया है। दिल्ली की जनता ने खुलकर आम आदमी पार्टी के लिए छप्पर फाड़कर वोट दिया। यह एक सुनामी है जिसने सिर्फ आठ महीने के भीतर दिल्ली से भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया। कांग्रेस का तो खाता खुलने की भी नौबत नहीं आई। नजीजे आने के बाद आम आदी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपनी पत्नी को लोगों से मिलाया और कहा कि अगर उनकी पत्नी न होतीं तो वह वहां नहीं पहुंच पाते जहां पहुंचे हैं। जाहिर है कि पत्नी के इस परिचय के जरिये उन्होंने कहीं और निशाना साधा है।दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों का ऑडिट करवाना उन्होंने अपनी सरकार का पहला लक्ष्य बताया है। अरविंद केजरीवाल से आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह की बातचीत के अंशः
भाजपा सांसद कीर्ति आजाद दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार के लिए पार्टी और संगठन के उन नेताओं को जिम्मेवार ठहराते हैं जिन्होंने आम आदमी पार्टी को कमजोर करके आंका और अरविन्द केजरीवाल को भगोड़ा साबित करने की कोशिश की।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बारे में ज्यादातर सर्वेक्षण आम आदमी पार्टी को सबसे आगे बता रहे हैं। अगर आप जीतती है तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर सवाल उठ सकते हैं।