दिल्ली में बलात्कार पीड़िता की ‘टू फिंगर जांच’ की अनुमति देने के एक दिन बाद ही आम आदमी पार्टी की सरकार ने चौतरफा विरोध के बाद इससे हाथ पीछे खींच लिए हैं।
भाजपा नरेंद्र मोदी सरकार की एक साल की उपलब्धियों को गिनाने के लिए पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। वहीं कांग्रेस देश भर में मोदी सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही है।
सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश की हत्या करने वाले को हिंदू महासभा के हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष द्वारा 50 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा संबंधी खबरें प्रकाशित होने पर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समुदाय ने तीखी भर्त्सना की है। राइट लाइवलिहुड अवार्ड प्राप्त करने वालों ने आज स्टॉकहोम से एक बयान जारी करके इस पर गंभीर चिंता जाहिर की है। स्वामी अग्निवेश को भी यह पुरस्कार मिल चुका है।
दिल्ली में रोडरेज के एक मामले में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के एक ड्राइवर की हत्या के विरोध में डीटीसी बसों के ड्राइवर हड़ताल पर हैं। दिल्ली की सड़कों से बसें नदारद हैं, जिसके कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन में सांसद निधि के उपयोग के सुझाव का कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने जबर्दस्त विरोध किया जिसके बाद सरकार ने यह आश्वासन दिया कि इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है।
बेशक विकास के लिए भूमि जरूरी है। देश को ज्यादा से ज्यादा उद्योगों, सड़कों, बिजली, रेल, अस्पतालों, स्कूलों और मकानों की जरूरत है। लिहाजा, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी होनी चाहिए। जिनसे जमीन ली जाए उन्हें उचित मुआवजा और विकास में हिस्सेदारी मिलनी ही चाहिए। लेकिन क्या मोदी सरकार की ओर से लाया जा रहा भूमि अधिग्रहण विधेयक, 2015 इस मामले में खरा उतरता है? वास्तव में नहीं।
कनहर सिंचाई परियोजना निर्माण के समर्थकों ने जांच दल को बनाया बंधक
स्थानीय लोग दो खेमों में बंटे। परियोजना निर्माण और विरोध में निकल रहे
जुलूस। हो रही पंचायत।
जिला प्रशासन की गोलीबारी में सुंदरी गांव निवासी विस्थापित अकलू चेरो
गंभीर रूप से घायल।
आखिरकार राहुल गांधी की घर वापसी हो गई। अब कल वह किसानों के बीच पार्टी की क्या दशा-दिशा तय करेंगे। इसकी तैयारी में कांग्रेस पार्टी का सारा नेतृत्व जुटा हुआ है। कई नेताओं ने बताया कि अब पार्टी में एक जान का संचार होगा और वह नई ऊर्जा के साथ किसानों के बीच भू-अधिग्रहण पर जाएगी।
हमारी मांग है कि जमीन ली जाए लेकिन कॉरपोरेट के लिए नहीं बल्कि किसानों के लिए। जमीन ली जाए ताकि किसान औरतों के पक्ष में जमीन का पुनर्वितरण हो। खेती नहीं रहेगी, देश के पास अनाज नहीं रहेगा तो मेक इन इंडिया के नारे का ढोल कैसे बजेगा और कौन बजाएगा। यह कहना था भारतीय महिला फेडरेशन की महासचिव एनी राजा का।