दिल्ली काे प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए वाहनों को एक दिन छोड़कर चलाने की योजना को शुरुआत से ही दिल्ली की जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है। जनता तमाम आशंकाओं को दरकिनार करते हुए दिल्ली के लोग योजना का बढ़-चढ़कर पालन कर रहे हैं। हालांकि, असली चुनौती सोमवार से शुरू होगी जब सभी लोग छुट्टियों के बाद काम पर लौटेंगे।
दिल्ली काे प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए वाहनों को एक दिन छोड़कर चलाने का सम-विषम फार्मूला आज से लागू हो गया। प्रदूषण और ट्रैफिक जाम के खिलाफ यह सरकार के साथ-साथ आम जनता की भी अग्निपरीक्षा है, जिसमें दिल्ली पास होती नजर आ रही है।
दिल्ली में आज से लागू हुई सम-विषय योजना को लेकर लोगों में जितना उत्साह देखा जा रहा है इसके नतीजे भी उतने ही उत्साहवर्धक हैं। पहले दिन ही से दिल्ली की सड़कों पर इसका असर दिखने लगा है। लोगों में प्रदूषण कम करने को लेकर काफी जागरूकता देखी जा रही है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने आज दिल्ली सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि महिलाओं और दोपहिया चालकों को शुक्रवार से प्रभावी होने वाली सम-विषम योजना से छूट क्यों दी गई है। हाईकोर्ट ने वकीलों को नियम से छूट देने से भी इंकार कर दिया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रदूषण कम करने के लिए एक जनवरी से सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या सीमित करने की आप सरकार की सम-विषम योजना के खिलाफ दायर जनहित याचिकाओं पर आज कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि ऐसा करना जल्दबाजी होगी।
दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने एक जनवरी से लागू सम और विषम अंकों वाली गाड़ियों पर नियमों में थोड़ा बदलाव करने की घोषणा की है। नए नियमों के मुताबिक, अब सम और विषम गाड़ियां दिन के हिसाब से नहीं, बल्कि तारीख के हिसाब से चला करेंगी। यानी सम तारीख को सम नंबर की गाड़ियां और विषम तारीख को विषम नंबर की गाड़ियां चला करेंगी।
राज्यसभा में आज कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने सड़कों पर सम और विषम संख्या के आधार पर कारों को उतारने के संबंध में दिल्ली सरकार के निर्णय को तुगलकी फैसला करार देते हुए कहा कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को दुरुस्त किए बिना यह कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। हालांकि सरकार एवं कांग्रेस सहित कई सदस्यों ने राजधानी में वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए इसे नियंत्रित करने की आवश्यकता पर सहमति जताई।
दिल्ली को दमघोंटू प्रदूषण से बचाने के लिए सम, विषम नंबर के आधार पर एक दिन छोड़कर गाड़ियां चलाने की योजना को भारत के चीफ जस्टिस से महत्वपूर्ण समर्थन मिला है।