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Search Result : "वीजा प्रणाली"

समाज में भेदभाव रहने तक जरूरी है आरक्षण : मोहन भागवत

समाज में भेदभाव रहने तक जरूरी है आरक्षण : मोहन भागवत

आरक्षण प्रणाली की समीक्षा के अपने पूर्व के बयान से पलटते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जब तक सामाजिक भेदभाव है तब तक देश में आरक्षण जारी रहना चाहिए और संघ इसे खत्म किए जाने के पक्ष में नहीं है।
कोलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए दिए सुझाव

कोलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए दिए सुझाव

शिकायत निवारण व्यवस्था स्थापित करने समेत शीर्ष न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति की कोलेजियम प्रणाली में व्यापक पारदर्शिता लाने के लिए आज उच्चतम न्यायालय के समक्ष कई सुझाव पेश किए गए। नियुक्ति की कोलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए सुझावों के साथ ही योग्यता मापदंड, कोलेजियम के लिए एक सचिवालय की स्थापना तथा शिकायत निवारण व्यवस्था की स्थापना के मुद्दों को पेश किया गया।
इस्राइल ने रोका फलस्तीनी यूनिवर्सिटी को राष्‍ट्रपति का तोहफा

इस्राइल ने रोका फलस्तीनी यूनिवर्सिटी को राष्‍ट्रपति का तोहफा

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी फलस्तीन की अल-कुद्स यूनिवर्सिटी को भारत की तरफ से आईटी उपकरण भेंट करने वाले हैं लेकिन इस्राइल भारतीय तोहफे में शामिल चार संचार प्रणालियों को विश्वविद्यालय में ले जाने की इजाजत शायद ही दे जिससे विवाद पैदा हो गया है।
गडकरी का आइडिया: उपग्रह, ड्रोन से हाईवे की निगरानी

गडकरी का आइडिया: उपग्रह, ड्रोन से हाईवे की निगरानी

केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद नए-नए आइडिया पेश करने वाले नितिन गडकरी अब उपग्रह और ड्रोन के जरिये सड़क निर्माण की निगरानी कराएंगे।
हाॅकी लीग के नए नियम: गोल करेंगे एक, माना जाएगा दो

हाॅकी लीग के नए नियम: गोल करेंगे एक, माना जाएगा दो

कलात्मक हाॅकी को बढ़ावा देने के लिए हाकी इंडिया लीग के चौथे सत्र में नए नियमों के तहत एक मैदानी गोल को दो गिना जाएगा। इस तरह के और भी कई नए नियम लागू किए गए हैं।
खाद्य सुरक्षा: सुधर सकते हैं फिसड्डी राज्यों के भी हालात

खाद्य सुरक्षा: सुधर सकते हैं फिसड्डी राज्यों के भी हालात

खस्ताहाल प्रशासन वाले राज्य भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने और भोजन का अधिकार अधिनियम को क्रियान्वित करने में सक्षम हैं- मध्यप्रदेश इसका नवीनतम उदाहरण है।
ऐ जालंधर की हवाओ तुम वीजा की मोहताज नहीं

ऐ जालंधर की हवाओ तुम वीजा की मोहताज नहीं

पाकिस्तानी सूफी गायक अदील खान बर्की जब भी हिंदुस्तान आते हैं एक तकलीफ के साथ यहां से जाते हैं। बंटवारे के वक्त बर्की के बुजुर्गों को जालंधर से लाहौर पड़ा था। उनके दादा और वालिद की तमन्ना थी कि आखिरी वक्त में एक दफा वह जालंधर जरूर जाएं लेकिन वीजा की दिक्कतों के चलते उन्हें यह नसीब न हो सका। ऐसे में अदील खान के दादा और वालिद के खाक-ए-सुपुर्द होने के बाद उन्होंने उनकी कब्र पर कत्बा लगवाया, जिसपर लिखा ‘ए जालंधर की हवाओ अगर कभी इस तरफ से गुजरो तो कुछ देर इस कब्र पर ठहर जाना, तुम नहीं जानती कि मरने वाला तुम्हें कितना याद करता है क्योंकि तुम बदनसीब इंसानों की तरह वीजा की मोहताज नहीं हो।’ इस दफा जब अदील खान हिंदुस्तान आए तो आउटलुक की विशेष संवाददाता ने उनसे विशेष बातचीत की-
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