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										    असहिष्णुता पर जारी बहस के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कुछ हिंसक अतिवादी समूहों द्वारा विचारों की स्वतंत्रता उल्लंघन की निंदा करते हुए कहा कि यह राष्ट्र पर आघात है। उन्होंने सचेत किया कि अगर एकता नहीं होगी और विविधता, धर्मनिरपेक्षता और बहुलता के प्रति सम्मान नहीं होगा तब गणतंत्र के समक्ष खतरा हो सकता है।										
                                                                                
                                     
                                                 
  
  
  
  
  
  
  
  
  
			 
                     
                    