मंगलवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में विपक्ष के बिखराव का लाभ लेने की फिराक में सरकार जुट गई है। हालांकि भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर ज्यादातर विपक्षी पार्टियां एकजुट हैं लेकिन अन्य मुद्दों पर कुछ दल चुप्पी साधकर सरकार का साथ दे सकते हैं।
पचास से अधिक मौतों और 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक के इस घोटाले की जांच करना सीबीआई के सामने भी एक कड़ी चुनौती साबित होगी। साक्ष्यों की जांच, प्रमाणिकता के साथ-साथ, सत्ता के शीर्ष की भूमिका को किस तरह से जांच के दायरे में लेगी सीबीआई, इसी पर टिकी हैं, सबकी निगाहें
व्यापमं को घोटाला कहा जाए या डेथ-ट्रैप यानी मौत का जाल या फिर मौत का बरमूडा त्रिकोण...। एक बात साफ है कि इसके पास जाने वाले या इसमें शामिल लोगों की मौतों का आंकड़ा जिस तेजी से बढ़ा, उसने इसे भारत के सबसे रहस्यमय खौफनाक घोटाले में तब्दील कर दिया। ऐसा रहस्य जो बड़ी-बड़ी आपराधिक गाथाओं को मात देने को आतुर हो।
व्यापमं घोटाले में रोज हो रहे नए खुलासे की कड़ी में आज केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धमेंद्र प्रधान का नाम कांग्रेस ने लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक चुप हैं। दबाव दिनो-दिन बढ़ रहा है
व्यापमं घोटाले और मौतों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी मिलने के बाद ‘पिंजरे के तोते’ सीबीआई के सामने एक बड़ी चुनौती इस कांड की गांठों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तार खोलने की होगी। व्यापमं की गांठ में संघ के तार का सिरा 1990 तक जाता है जब इस कांड के प्रमुख अभियुक्त और खनन सरगना सुधीर शर्मा ने संघ संचालित सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक के तौर पर अपना करिअर शुरू किया था। उनके पिता बाबूलाल शर्मा डेयरी निगम में किरानी थे। घर का खर्च चलाने के लिए उन्हें शाम को दूध बेचना पड़ता था।
व्यापमं घोटाले को लेकर खड़े हुए विवाद को लेकर विपक्ष से कड़े प्रहार का सामना कर रहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को दिल्ली पहुंचे। बताया जा रहा है कि चौहान दिल्ली प्रवास के दौरान भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। मीडिया से बातचीत में शिवराज ने इस्तीफा देने की खबरों से इंकार किया।
व्यापमं घोटाले की सीबीआई जांच के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अर्जी पर हाईकोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि जब इस मामले में पहले ही सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई जांच की अपील की जा चुकी है जिस पर नौ जुलाई को सुनवाई होनी है इसलिए इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही हाईकोर्ट अपना रूख तय करेगा। हाईकोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई 20 जुलाई को करेगा।
घोटाले की आंच से घिरे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट में अर्जी लगाकर सीबीआई से जांच कराने की जो सिफारिश की है उसे लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई है। क्योंकि 9 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास और वकीलों के समूह की याचिका पर सुनवाई होनी है।