पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेेता ई. अहमद का दिल का दौरा पड़ने के बाद देर रात निधन हो गया। एक वरिष्ठ चिकित्सक ने अहमद के निधन की पुष्टि की है। वह 78 वर्ष के थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज आईयूएमएल सांसद ई. अहमद के निधन पर शोक जताया। पीएम और राष्ट्रपति ने देश की भूमिका में सांसद ई. अहमद के योगदान को याद किया और कहा कि उन्होंने देश की अथक सेवा की।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज पूर्व केंद्रीय मंत्री ई अहमद के निधन के बाद भी केंद्रीय बजट पेश किये जाने के सरकार के रुख की आलोचना की और आरोप लगाया कि इस खबर को जारी करने में देरी की गयी ताकि बिना किसी अवरोध के बजट पेश किया जा सके।
भाजपा भले ही नोटबंदी को एक ‘पवित्र आंदोलन’ करार दे रही हो लेकिन कांग्रेस की नजर में यह देश की जनता और अर्थव्यवस्था को बेहद मुश्किल दौर में डालने वाला कदम है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को इस बारे में पत्र लिख कर न सिर्फ सरकार से कई सवाल पूछे हैं बल्कि रिजर्व बैंक के स्तर पर जानकारी छिपाने को लेकर भी अपनी नाराजगी जताई है।
कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए पूछा है कि क्या यह संयोग है कि 1000 एवं 2000 रुपए के बड़े नोट भाजपा-राजग सरकार लेकर आई है तो ऐसे में आखिरकार कालेधन को कौन प्रोत्साहित कर रहा है?
देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल विश्वविद्यालय में पिछले दो साल से गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक वाकये से जेएनयू प्रशासन भी त्रस्त हो गया है। एक साल पहले यहां के छात्र नेता ने देश विरोधी नारे लगाए ऐसी खबरों के बीच अब एक और छात्र नजीब के लापता होने से विश्वविद्यालय फिर गलत कारणों से खबरों में आ गया है।
जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी के मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस से कई तीखे सवाल पूछे। न्यायलय ने पुलिस को तमाम राजनीतिक अवराधों से निकलकर नजीब की तलाश करने का निर्देश देते हुए कहा कि उसके लापता होने में कुछ और हो सकता है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के बीच से कोई इस तरह ओझल नहीं हो सकता।
जेएनयू प्रशासन ने कथित देशद्रोह के मामले में आरोपी कन्हैया कुमार और उमर खालिद सहित 20 विद्यार्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विश्वविद्यालय ने छात्रों से कुछ दिन पूर्व प्रशासनिक भवन में कुलपति और अन्य अधिकारियों को अवैध रूप से बंधक बनाए जाने के लिए स्पष्टीकरण मांगा है।