संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने भारत से उस कानून को निरस्त करने का आह्वान किया है, जिसमें गैर-सरकारी संगठनों को मिलने वाले विदेशी अनुदान को रोकने के प्रावधान हैं।
हरियाणा में सोमवार को भी आरक्षण की मांग को लेकर जाटों का आंदोलन जारी रहा। राज्य में विभिन्न स्थानों पर ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से जुड़े जाट नेताओं ने दूसरे दिन भी धरना दिया लेकिन उसमें लोगों की उपस्थिति कम ही रही।
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) का सदस्य बनने के भारत के प्रयास का विरोध कर रहे पाकिस्तान को अमेरिका ने झिड़कते हुए बताया है कि भारत का यह प्रयास हथियारों की दौड़ के बारे में नहीं, बल्कि परमाणु उर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के बारे में है।
मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कह दिया कि ‘अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार असीमित नहीं है।’ गंभीर मानहानि के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत दो साल की सजा भी दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रह्मण्यम स्वामी, राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल पर दायर मानहानि के मामले की सुनवाई में यह व्यवस्था दी।
प्रख्यात इतिहासकार रोमिला थापर और शिक्षाविद दीपक नैयर सहित जेएनयू के दस प्रोफेसर एमिरेट्स ने विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश कुमार को पत्र लिखा है। शिक्षाविदों ने जेएनयू प्रशासन पर 9 फरवरी को हुए विवादास्पद कार्यक्रम के सिलसिले में छात्रों को कड़ा दंड देकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के चौथे चरण के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज मतदान जारी है। शुरुआती चार घंटे में 11 बजे तक 42 फीसद मतदान दर्ज किया गया। इस चरण में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के कई मंत्रियों के भाग्य का फैसला होगा।
पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनावों के पहले चरण में शांतिपूर्ण तरीके से भारी मतदान हुआ और दोनों राज्यों में क्रमश: 80 और 70 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया।
‘तोप चलाओ और सत्ता पाओ’। वह बात भूल जाएं कि तोप के बजाय अखबार निकालें, क्योंकि सरकारी बंदूक रखने वाले इसी हथियार की ताकत से सत्ता के बड़े पदों की कामना करने लगते हैं। तभी तो जल्द ही रिटायर होने वाले दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी.एस. बस्सी ने राजनीतिक तोप इस्तेमाल कर राष्ट्रद्रोह के वर्तमान कानून को खत्म करने के बजाय इसका दायरा बढ़ाने की सलाह दे डाली है।
राज्यपालों की भूमिका पर पैदा हुए विवाद के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को राज्यपालों को मशवरा देते हुए कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे सभी लोग संविधान की पवित्रता बरकरार रखें।