गुजरात में पटेल आंदोलन की पहचान बने हार्दिक पटेल की तर्ज पर जाट समुदाय ने भी सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग तेज करने का फैसला किया है।
गुजरात में अराजकता का नया चेहरा उभरकर सामने आया है जिसकी भाषा तोगड़िया सी है और कार्यशैली केजरीवाल जैसी। जो बंदूक और रिवॉल्वर से प्यार करता है और जिसके समर्थक ओडी तथा मर्सिडीज में बैठकर आरक्षण मांगने आते हैं। कानून उनके लिए कुछ भी नहीं है, अगर उन्हें मनमानी करने से रोका जाता है तो दंगा-फसाद से भी परहेज नहीं करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बावजूद गुजरात बंद के दौरान हिंसा भड़की। पटेल आरक्षण आंदोलन की आग पूरे राज्य में फ़ैल रही है। अभी तक 9 लोगोँ के मारे जाने और सैकड़ों के घायल होने की खबर हे। प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी नेताओं, पुलिस और सरकारी संपत्ति को निशाना बनाया। गृह राज्य मंत्री राजनी पटेल के दफ्तर को उग्र भीड़ ने आग के हवाले कर दिया। हार्दिक पटेल ने मौजूदा स्थिति के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। गुजरात में हालात पर काबू पाने के लिए सेना की मदद ली जा रही है।
केंद्र सरकार ने धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए लेकिन अभी जाति आधारित जनगणना के नतीजे नहीं जारी हुए। जबकि कई राजनीतिक दल जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग कर रहे हैं।
मुसलमान औरत के दिल में आजादी की तड़प की थाह लेने की जब-जब कोशिश की गई है तो भीतर ज्वालामुखी की तपिश को महसूस किया गया। वे भी यह जताने को बेसब्र हैं कि वे भी मुकम्मल आजादी की तलबगार हैं। वे नहीं चाहतीं कि उनके शौहर को एक से अधिक निकाह करने का हक हो। वे तलाक-तलाक-तलाक यानी मुंह जबानी तलाक के खिलाफ हैं।
मौजूदा सरकार बनने से पहले भारतीय जनता पार्टी के चुनावी घोषणापत्र में समान सिविल कोड लाने की बात कही गई। इसके चलते इस कोड का जिक्र बार-बार उठता है। लेकिन समान सिविल कोड को लाने की बात करने वालों के असल इरादे कोई नहीं जानता! भारतीय जनता पार्टी या फिर उनकी सरकार ने कभी स्पष्ट भी नहीं किया कि इस कोड के क्या प्रावधान होंगे, इसमें कौन-कौन सी धाराएं इत्यादि शामिल होंगी, किस धर्म के आधार पर समान सिविल कोड के प्रावधान तय कि ए जाएंगे।
फरीदाबाद के गांव अटाली में फैली हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। ताजा हालात यह हैं कि अब 150 परिवारों के 12,00 लोग कैंप में रहने के लिए मजबूर हैं। गौरतलब है कि इसी वर्ष 25 मई को अताली में एक मस्जिद के निर्माण को लेकर सांप्रदायिक तनाव फैल गया था। इस वजह से एक गुट ने मुस्लिम समुदाय पर हमला बोला, उनके घर जला दिए और मुसलमान समुदाय गांव छोड़ने पर विवश हो गए।
इराक के पूर्वी दियाला प्रांत में एक आत्मघाती कार बम विस्फोट में रमजान के पवित्र महीने के समाप्त होने के अवसर पर एक बाजार में एकत्र हुए कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई। इराकी पुलिस अधिकारियों ने बताया कि खान बेनी साद कस्बे में हुए हमले में कम से कम 50 लोगों के घायल हो की भी खबर है। अस्पताल के अधिकारियों ने मृतक संख्या की पुष्टि की है।
अमेरिका के टेनेसी में दो नौसेना केंद्रों पर हुई गोलीबारी में चार मरीन मारे गए जबकि पुलिस ने एक बंदूकधारी व्यक्ति को मार गिराया है। अधिकारियों ने इसे घरेलू आतंकवाद की घटना करार दिया है। घटना के बाद अमेरिका में सिख समुदाय के लोगों को सावधनी बरतने को कहा गया है क्योंकि एक दाढ़ी वाले मुस्लिम युवक ने इस वारदात को अंजाम दिया है।