साहित्य अकादमी के साहित्योत्सव में ‘गांधी, आंबेडकर, नेहरू: निरंतरता तथा अलगाव’विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में भारतीय इतिहास और संस्कृति की प्रख्यात अध्येता कपिला वात्स्यायन ने अपनी बात रखी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने वर्ष 2012 में सेना की दो टुकड़ियों के दिल्ली कूच करने की खबर को सच बताकर सियासी विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि, इस मुद्दे पर वह अपनी ही पार्टी में अकेले पड़ते जा रहे हैं।
राज्यसभा में आज कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने सड़कों पर सम और विषम संख्या के आधार पर कारों को उतारने के संबंध में दिल्ली सरकार के निर्णय को तुगलकी फैसला करार देते हुए कहा कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को दुरुस्त किए बिना यह कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। हालांकि सरकार एवं कांग्रेस सहित कई सदस्यों ने राजधानी में वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए इसे नियंत्रित करने की आवश्यकता पर सहमति जताई।
बिहार में चुनावी पराजय के बाद भाजपा में बवाल थम नहीं रहा। आज भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने पार्टी की रणनीति में खामी होने की बात कही जबकि असंतुष्ट सांसद आर.के. सिंह ने लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं की उस मांग का समर्थन किया जिसमें उन्होंने हार की जवाबदेही तय करने की बात कही है।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री वयोवृद्ध कांग्रेस नेता एनडी तिवारी ने हल्द्वानी के एक सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के विरोध में धरने पर बैठकर राज्य में अपनी ही पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है।
एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में दिल्ली में चल रहे एक रणजी मुकाबले के दौरान मैदान पर ही दो खिलाड़ी आपस में भीड़ गए। दोनों ही खिलाड़ी अपनी अपनी टीम के कप्तान भी हैं।
आज साहित्य अकादमी का नजारा कुछ बदला-बदला सा है। ‘लेखकों का यह घर’ मीडिया कर्मियों के जमावड़े से गुलजार था। लेखक प्रदर्शनकारियों के बाने में थे। पहली बार हुआ कि अकादमी की इमारत में जाने के लिए पहचान पूछी जा रही थी।
लेखक एम एम कलबुर्गी की हत्या की कड़ी निंदा करते हुए साहित्य अकादमी ने आज सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर राज्य एवं केंद्र सरकारों से इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाने की अपील की।
पिछले कई वर्षों से हमारे देश में जो होता रहा है उसने सृजन-समुदाय को लगातार बेचैन किया हैः अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सांस्कृतिक और धार्मिक बहुलता, सामाजिक समरसता पर संगठित प्रहार बहुत बढ़ गए हैं। राजनीति, धर्म और बाजार ने मिलकर, अपनी सभी मर्यादाएं छोड़कर, बेहद व्याप्ति अर्जित कर ली है। असहमति की जगह और अवसर सिकुड़ रहे हैं और पचास से अधिक वर्षों के परिपक्व लोकतंत्र में असहमति को देशद्रोही करार दिया जा रहा है।
मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश साहित्य परिषद ने स्वराज संस्थान के सौजन्य से मुंशी प्रेमचंद जयंती पर निरंतर श्रृंखला में कथाकार स्वाति तिवारी का रचना पाठ आयोजित किया गया।