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शिशु तस्करी कांडः विजयवर्गीय से हो सकती है पूछताछ

शिशु तस्करी कांडः विजयवर्गीय से हो सकती है पूछताछ

पश्चिम बंगाल में बच्चों की तस्करी रैकेट के हाल में हुए खुलासे के बाद अब राजनीति तेज हो सकती है। एक ओर जहां मामले की जांच कर रही राज्य सीआइडी के सूत्रों का कहना है कि इस कांड में भाजपा के बड़े नेताओं के नाम जुड़े हैं और इस मामले में सीआईडी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय एवं राज्यसभा सांसद रूपा गांगुली की भूमिका की जांच कर रही है और जरूरत पड़ने पर उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने इस मामले की जांच के लिए जलपाईगुड़ी अपनी टीम भेजने की घोषणा की है। इस टीम में चार सदस्य होंगे। यानी अब पूरी तरह यह मामला राज्य बनाम केंद्र की एजेंसी का रूप ले सकता है।
शिशु तस्करी कांड में आया भाजपा सांसद का नाम

शिशु तस्करी कांड में आया भाजपा सांसद का नाम

शिशु तस्करी कांड में मैराथन पूछताछ के बाद सीआइडी ने दार्जिलिंग के शिशु सुरक्षा अधिकारी मृणाल घोष और एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। इस मामले में जलपाईगुड़ी की शिशु सुरक्षा अधिकारी की भी गिरफ्तारी हो सकती है। इस मामले में गिरफ्तार पूर्व भाजपा नेत्री जूही चौधरी से पूछताछ में सीआईडी को कई अहम तथ्य हाथ लगे हैं। जूही द्वारा बिमला होम की संचालिका चंदना चक्रवर्ती को एक भाजपा सांसद से मुलाकात कराए जाने का भी पता चला है। भाजपा सांसद का नाम सामने आने के बाद सीआईडी उनसे पूछताछ के लिए नोटिस भेजने की तैयारी कर रही है।
बंगाल के जलपाईगुड़ी शिशु तस्करी कांड में भाजपा की महिला नेता का नाम

बंगाल के जलपाईगुड़ी शिशु तस्करी कांड में भाजपा की महिला नेता का नाम

बंगाल के जलपाईगुड़ी शिशु तस्करी कांड में भाजपा की महिला नेता का नाम सामने आया है। जांच कर रही सीआईडी ने प्राथमिकी में भाजपा महिला मोर्चा की जलपाईगुड़ी जिला महासचिव जूही चौधरी का नाम मामले में शामिल किया है। जूही फरार है। उसकी तलाश जारी है।
दो दिन के नवजात शिशु की हार्ट सर्जरी करवाएंगी विदेशमंत्री

दो दिन के नवजात शिशु की हार्ट सर्जरी करवाएंगी विदेशमंत्री

सोशल मीडीया द्वारा लोगों की मदद करने वाली विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने आज एक बार फिर ट्विटर के जरिये दो दिन के नवजात शिशु की हॉर्ट सर्जरी करवाने के लिए मदद की पेशकश की। इसके बाद विदेशमंत्री ने मदद की अपील करने वाले से बच्चे के परिवार का नंबर मांगा।
देश में लड़कियों की मौत में मध्य प्रदेश और असम अव्वल

देश में लड़कियों की मौत में मध्य प्रदेश और असम अव्वल

देश में सबसे ज्यादा शिशुओं की मृत्यु भाजपा शासित राज्य मध्य प्रदेश में होती है। यह खुलासा रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया की एसआरएस 2014 रिपोर्ट में हुआ है।
मां और शिशु के लिए समर्पित है यह अस्पताल

मां और शिशु के लिए समर्पित है यह अस्पताल

एक ओर जहां देश में बहु विशेषज्ञता वाले महंगे निजी अस्पतालों की बाढ़ आ रही है वहीं किसी खास क्षेत्र को ध्यान में रखकर काम कर रहे अस्पतालों की संख्या तेजी से घटती जा रही है। ऐसे अस्पतालों में अलग-अलग विभाग जोड़कर उन्हें बहु विशेषज्ञता वाले अस्पतालों में बदला जा रहा है। मगर इस स्थिति में पारस समूह ने दिल्ली में एक अस्पताल पूरी तरह मां और शिशु की चिकित्सा को समर्पित कर दिया है।
दुनिया में एक साल में संक्रमण्‍ा ने 10 लाख नवजात शिशुओं को लील लिया

दुनिया में एक साल में संक्रमण्‍ा ने 10 लाख नवजात शिशुओं को लील लिया

दुनिया में भले ही हर तरफ विकास की बात कही जा रही है लेकिन नवजात बच्‍चों की दुर्दशा पर कुछ खास ध्‍यान नहीं दिया जा रहा है। या यूं कहें कि विश्‍व का मानव समाज इस मसले पर मौन होकर अपनी हार स्‍वीकार करता जा रहा है। मानव समुदाय एक तरह से नवजात श्‍िाशुओं की हिफाजत नहीं कर पा रहा है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) की ताजा रिपेार्ट में कहा गया है कि दुनिया में विभिन्‍न तरह के संक्रमण की वजह से पैदा होने के साथ ही दस लाख बच्‍चों ने दम तोड़ दिया।
एक ‘शाखाहारी’ की स्वीकारोक्ति | शेखर गुप्‍ता

एक ‘शाखाहारी’ की स्वीकारोक्ति | शेखर गुप्‍ता

इस वर्ष का राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पूरी तरह एक नए अंदाज में मनाया गया। पहले तो हमने देखा कि किसी भी कक्षा में घुस जाने की ताकत रखने वाले हर महत्वपूर्ण सरकारी शख्स ने 'मैं भी शिक्षक’ का अपना सपना साकार किया। कड़वा सच बताना पड़ेगा कि हमारे अब तक के इस मंत्रिमंडल में सबसे कम पढ़े-लिखे लोग हैं। लेकिन उन्हें पढ़ाना अच्छा लगता है। और वे कभी-कभी पढ़ना भी पसंद करते हैं लेकिन वे अपने पसंदीदा शिक्षक और गुरुओं के गुरू आरएसएस के सिवा किसी और से पढ़ना नहीं चाहते।
दफ्तरों में शिशु के लिए हो स्तनपान की सुविधा - संयुक्त राष्ट्र

दफ्तरों में शिशु के लिए हो स्तनपान की सुविधा - संयुक्त राष्ट्र

यदि दफ्तर स्तनपान कराने वाली मांओं के लिहाज से सुविधाजनक कार्यस्थल में बदल जाए तो महिला कर्मचारियों की काम की रफ्तार तेज हो सकती है। एक अध्ययन कहता है कि पर्याप्त मातृत्व लाभ पाने वाली कामकाजी महिलाओं में दफ्तर में अधिक संतुष्टि देखी गई है। चूंकि स्तनपान करने वाले बच्चे कम बीमार पड़ते हैं, ऐसे में मांएं दफ्तर में कम अनुपस्थित रहती हैं।
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