जाने-माने उर्दू कवि, आलोचक एवं वक्ता बशर नवाज का आज औरंगाबाद में निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थे। हिंदी फिल्म बाजार का बेहद लोकप्रिय गीत ‘करोगे याद’ उन्होंने ही लिखा था।
यूनान की जनता ने अंतरराष्ट्रीय अार्थिक मदद (बेलआउट पैकेज) की शर्तों को जनमत संग्रह में जोरदार तरीके से ठुकरा दिया है। इसके साथ ही यूनान और यूरोप की साझा मुद्रा के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज के बदले खर्चों में कटौती की शर्तों को यूनान के 61 फीसदी लोगों ने 'ना' पर मुहर लगाकर नकार दिया। इस फैसले के बाद यूनान के यूरोजोन से बाहर होने की आशंका बढ़ गई है। बेलआउट पैकेज की शर्तों के खारिज होने का सीधा मतलब है कि आईएमएफ और यूरोपीय संघ से कर्ज के लिए चल रही यूनान की वार्ता को झटका लगेगा।
ग्रीस में सोमवार से एक सप्ताह तक सभी बैंक बंद रहेंगे क्योंकि वहां का आर्थिक संकट गहरा गया है। ग्रीस को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कर्ज का भुगतान करने के लिए 30 जून तक का समय दिया है और इसे देखते हुए सरकार ने एटीएम से सिर्फ 60 यूरो यानी 65 डॉलर निकालने की पाबंदी लगा दी है।
वित्त मंत्रालय ने पेट्रोलियम मंत्रालय के उस प्रस्ताव का वापस कर दिया है जिसमें उसने ओएनजीसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों द्वारा कठिन क्षेत्रों से निकाली गई प्राकृतिक गैस के कुछ हिस्से को बाजार मूल्य पर बेचने की अनुमति देने की सिफारिश की थी। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को फिर से भेजा है। इस घटनाक्रम से जुड़े एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि वित्त मंत्री ने प्रस्ताव पर कुछ टिप्पणी कर इसे बिना मंजूरी के वापस कर दिया है।
बाजार तरह-तरह के फास्ट फूड से अटे पड़े हैं। रेडीमेट रोटियों से लेकर रेडी-टू-ईट दाल-सब्जी। स्नैक्स का तो अंत नहीं। लेकिन सभी के बीच लोकप्रियता का जो सिंहासन मैगी को मयस्सर था वह किसी और को नहीं। मैगी में हानिकारक सीसा की मात्रा ज्यादा होने की खबर क्या आई, 1300 करोड़ का मैगी का बाजार धड़ाम से औंधे मुंह गिर गया। ऐसे में कुछ लोगों की भावनाएं आहत हुईं तो किसी ने मैगी से जुड़ी यादें ताजा कीं। किसी ने चुटकले बना डाले तो किसी को इसके पीछे राजनीति लगी। कई लोग इस विवाद के पीछे बाबा रामदेव की मैगी लांच होने की अटकलें लगा रहे हैं। अचानक से सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर स्वास्थ्यवर्धक जानकारियों का भी रेला आ गया-
लगभग सभी सेक्टरों में बिकवाली के दबाव के बीच बंबई स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक ढाई हफ्ते के सबसे निचले स्तर पर 27 हजार से भी कम हो गया। जानकार बता रहे हैं कि इसमें सूखे की आशंका और केंद्रीय बैंक तथा वित्त मंत्रालय के बीच की तनातनी मुख्य वजह है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी में अपनी पांच प्रतिशत हिस्सेदारी और इंडियन आयल (आईओसी) में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश के प्रस्तावों को बुधवार को मंजूरी दे दी है।