मशहूर राइटर शोभा डे ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के चेयरमैन पहलाज निहलानी को खुली चुनौती दी है। शोभा ने कहा है कि वो ‘गाय’, ‘गुजरात’, ‘दंगा’ और ‘हिंदुत्व’ जैसे शब्द बोलेंगी और उन्हें जो करना हो कर लें।
सीपीआई नेता बृंदा करात ने आर्मी चीफ को नियंत्रण में रहने की सलाह देते हुए कहा है कि भारत के आर्मी चीफ को इस तरह की बयानबाजी शोभा नहीं देती, उन्हें इससे बचना चाहिए।
कॉलमनिस्ट शोभा डे के विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लेकर सलाह के रूप में किए गए ट्वीट ने सोशल मीडिया यूजर्स को नाराज कर दिया। शोभा ने ट्वीट कर सुषमा को सलाह दी थी कि वे नए साल में कम ट्वीट करें। 13 जनवरी को किए गए ट्वीट में उन्होंने लिखा, ”सुषमा स्वराज: 2017 के लिए रिजॉल्यूशन- शांत रहिए और ट्वीट करना बंद कीजिए।”
शोभा डे नामी लेखिका के साथ संपादक भी रही हैं। लेखक-संपादक को अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता है, लेकिन किसी व्यक्ति, समूह या संस्थान को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपमानित करने का लाइसेंस नहीं मिला है।
आरएसएस के सहयोगी संगठन द्वारा असम की 31 आदिवासी लड़कियों को गुजरात और पंजाब में भगवा शिक्षा दिलावाने का मुद्दा गरम हो रहा है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया है कि क्या इसी तरह ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का लक्ष्य पूरा करेंगे?
लंबे समय से लेखन। लघु कथाओं पर विशेष काम। लघुकथा पर पहली पुस्तक, दिन अपने लिए सन 2014 में अयन प्रकाशन से प्रकाशित। इस पुस्तक के लिए दिल्ली हिंदी अकादमी से अनुदान प्राप्त। सात लघु कथा लेखकों के सम्मिलित कथा संग्रह खिड़कियों पर टंगे लोग पुस्तक में लघु कहानियां प्रकाशित।
मुंबई में एक साहित्य समारोह के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर हो रही बहस तब गरमा गई जब अनुपम खेर ने मंच से आरोप लगा दिया कि कार्यक्रम में किराए की भीड़ लाई गई है।
महाराष्ट्र और केंद्र में भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना ने राज्य में मल्टीप्लेक्सों में प्राइम टाइम में मराठी फिल्म दिखाने के फैसले से सरकार के पीछे हटने पर नाराजगी जाहिर की है।
महाराष्ट्र में सरकार के किसी भी फैसले के खिलाफ कुछ भी बोलना मुश्किल होता जा रहा है। भाजपा-शिवसेना सहित तमाम दक्षिणपंथी संगठन और खुद राज्य सरकार उनके खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लेती है।