सनसनीखेज शीना बोहरा हत्या मामले में कथित तौर पर आरापी को बचाने के मामले में सीबीआई ने मीडिया दिग्गज पीटर मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें आज मुंबई में मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाएगा। इस मामले में मुंबई पुलिस के कुछ बड़े अधिकारियों की तरफ भी शक की सुई घुम रही है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि पुरस्कारों की कद्र करनी चाहिए, इन्हें संजोकर रखना चाहिए। भावनाओं में बहने के बजाय अपनी असहमति को बहस और विमर्श के जरिए व्यक्त करना चाहिए। राष्ट्रपति की इस बात को पुरस्कार वापसी मुहिम में जुटे लोगों को नसीहत भी माना जा रहा है।
चुनौतीपूर्ण वैश्विक हालात में भी भारतीय अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अगले दो दशक में इसमें 10 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है। राष्ट्रपति ने यहां प्रगति मैदान में 35वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला - 2015 (आईआईटीएफ) का उद्घाटन करते हुए कहा कि घरेलू स्तर पर मेक इन इंडिया अभियान के साथ-साथ विनिर्माण पर जोर दिए जाने की जरूरत है।
शीना बोरा हत्या मामले की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी ने अपनी आवाज के नमूने के परीक्षण के लिए आज एक अदालत में अपनी सहमति दे दी। इंद्राणी ने अदालत से कहा, मैं परीक्षण के लिए सहमति देती हूं।
बढ़ती असहिष्णुता और गलत नीतियों पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। सोनिया ने राष्ट्रपति से सरकार को कड़े कदम उठाने की सलाह देने का आग्रह किया।
देश में अत्यंत खराब माहौल से उत्पन्न चिंताओं पर कोई आश्वासनकारी बयान न देने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आज 50 से अधिक इतिहासकारों ने आवाज उठाई। दादरी और कलबुर्गी की हत्या जैसी घटनाओं पर लेखकों, कलाकारों, फिल्म निर्माताओं और वैज्ञानिकों के बाद अब देश के इतिहासकारों ने भी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई ।
कन्नड़ विचारक एमएम कलबुर्गी की हत्या सहित असहिष्णुता की घटनाओं पर चिंता जताते हुए वैज्ञानिकों के एक समूह ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से उपयुक्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। उन्होंने केन्द्र और राज्य सरकारों से मानवता विरोधी और सभ्यता विरोधी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील भी की है।
साल 1990 में वी पी सिंह सरकार के पतन के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन चाहते थे कि प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री बनें लेकिन राजीव गांधी ऐसा नहीं चाहते थे। वह कुछ और ही सोच रहे थे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस बात की गंभीर आशंका जताई कि देश में सहिष्णुता और असहमति को स्वीकार करने की प्रवृत्ति समाप्त हो रही है। पिछले पंद्रह दिनों के अंदर यह दूसरा मौका है जब राष्ट्रपति ने सहिष्णुता और बहुलता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि आत्मसात करना भारतीय समाज की विशेषता है। हमारी सामूहिक क्षमता का उपयोग समाज में बुरी ताकतों के खिलाफ संघर्ष में किया जाना चाहिए। दुर्गा पूजा समारोहों की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि सभी सकारात्मक ताकतों के समागम वाली महामाया असुरों और विभाजनकारी ताकतों का नाश कर देंगी।