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Search Result : "श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट"

अमरनाथ में बादल फटा, दो बच्चों की मौत

अमरनाथ में बादल फटा, दो बच्चों की मौत

बालटाल शिविर के पास कल रात बादल फटा था जिससे वहां बने तंबुओं में पानी घुस गया। फिलहाल वहां मौजूद तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है।
तीस्‍ता और पति की संस्‍थाओं में ऑडिट की गड़बड़ी: पुलिस

तीस्‍ता और पति की संस्‍थाओं में ऑडिट की गड़बड़ी: पुलिस

गुजरात पुलिस ने ट्रस्ट के धन के कथित गबन के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर कहा है कि उन्होंने और उनके पति ने कल्याण कार्यों के लिए मिले धन का गबन शराब और विलासिता जैसे अपने निजी खर्चों के लिए किया और साक्ष्यों से छेड़छाड़ की कोशिश की।
तीर्थ और एडवेंचर एक साथ

तीर्थ और एडवेंचर एक साथ

अगर आपको भीड़ से घबराहट होती है लेकिन आप किसी तीर्थ पर भी जाना चाहते हैं और यह भी सोचते हों कि वहां बच्चे बोर न हो जाएं तो ज्यादा सोचें नहीं। चंडीगढ़ से 125 किलोमीटर दूर हिमाचल प्रदेश में शांत पहाड़ों के बीच एकांत में सिमटा एक तीर्थ है। अपने आप में इतिहास समेटे हुए। अहम बात यह है कि यहां पूरे परिवार के साथ आएं। बच्चे हों या नौजवान यहां सभी के लिए भरपूर रोमांच और मस्ती है।
40 साल की हो गई ‘सामना’

40 साल की हो गई ‘सामना’

पुराने दौर की मराठी फिल्म ‘सामना’ के चालीस साल पूरे हो गए है। इस मौके पर फिल्म से जुड़े लोगों ने अपनी यादें ताजा की। इस फिल्म को बर्लिन फिल्म फेस्टीवल में खूब सराहना मिली थी
बदलापुर : दर्शकों से बदला क्यों

बदलापुर : दर्शकों से बदला क्यों

बदलापर फिल्म से इतन तो साफ है कि भारत में आजकल फिल्में सिर्फ बनने के लिए ही बन रही है। दर्शकों के लिए उसमें कुछ तथ्य होना चाहिए इस पर सोचना शायद निर्माता-निर्देशक बंद कर चुके हैं। कुछ ट्विस्ट एंड टर्न देकर लगता है एक फिल्म में बस यही होना काफी है।
विश्व पुस्तक मेले में रौनक

विश्व पुस्तक मेले में रौनक

किताब प्रेमी हर साल इन्तज़ार करते हैं कि कब किताबों का मौसम आएगा और वे न सिर्फ किताबों की दुनिया में खो जाएंगे बल्कि भागम भाग के इस दौर में कुछ पल किताबों की जिल्द की छांव में सुस्ता भी लेंगे। पुस्तक मेला नएपन के लिए जाना जाने लगा है।
पुस्तकों के दीवाने

पुस्तकों के दीवाने

नेशनल बुक ट्रस्ट नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में जिगर मुरादाबादी और पवित्र भूमि पर पुस्तकों की खुशबुओं से सुवासित करने का सात्विक कार्य ‘पुस्तक मेला’ के रूप में आयोजित किया गया।