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Search Result : "संकट के बादल"

ऐसी सरकार में महिला की खैर नहीं

ऐसी सरकार में महिला की खैर नहीं

पंजाब के मोगा जिले में चलती बस में 14 साल की बच्ची कडंक्टर और उसके दोस्तों की छेड़छाड़ का शिकार हुई। मुखालफत करने पर मां-बेटी को चलती बस से फेंक दिया गया। लड़की की मौके पर मौत हो गई जबकि मां की हालत गंभीर है। अहम बात यह है कि यह बस पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की है। भारत सरकार ने कहा है कि पत्नी से बलात्कार की अवधारणा भारत में लागू नहीं हो सकती है क्योंकि यहां विवाह को संस्कार माना जाता है। इस तर्क के आधार पर सरकार ने वैवाहिक संबंधों में होने वाले बलात्कार को कानूनन अपराध बनाने से इंकार कर दिया है। इस बारे में गृह राज्य मंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी के बयान से देश में नई बहस छिड़ गई है। लंबे समय बाद हरियाणा के ब्रांड एंबैसेडर और योग गुरू बाबा रामदेव की दवाएं फिर राज्यसभा में चर्चा का विषय बनीं। जेडी (यू) महासचिव केसी त्यागी ने संसद में कहा कि दिव्य फार्मेसी ‘ पुत्रजीवक बीज ’ के नाम से बेटा पैदा करने की दवा बेचती है। उन्होंने इसपर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, जबकि देश में बेटियां कम होती जा रही हैं।
किसानों के मुद्दे पर राहुल की मोदी को नसीहत

किसानों के मुद्दे पर राहुल की मोदी को नसीहत

पंजाब में अनाज मंडियों का दौरा कर लौटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में किसानों की दुर्दशा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया जिससे सदन में भारी हंगामा हुआ और सदन की बैठक कुछ मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
एनजेएसी मुद्दा: अभी कोई संवैधानिक संकट नहीं

एनजेएसी मुद्दा: अभी कोई संवैधानिक संकट नहीं

राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) के दो महत्वपूर्ण सदस्यों को चुनने वाली कमेटी में शामिल होने से प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू के इनकार से इस आयोग के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान उठने लगे हैं और कुछ लोग इसे संवैधानिक संकट भी करार देने लेगे हैं मगर कानून के जानकार ऐसा नहीं मानते।
पंजाब के दौरे पर राहुल गांधी

पंजाब के दौरे पर राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को पंजाब के दौरे पर निकल गए। इस दौरान राहुल राज्य के प्रमुख अनाज बाजारों में जाएंगे जहां किसानों से बातचीत करेंगे।
गहरे संकट से भिड़ना होगा वाम को

गहरे संकट से भिड़ना होगा वाम को

सीताराम येचुरी भारतीय वामपंथी आंदोलन के एक जाने-माने चेहरा हैं। हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, बांग्ला भाषा में मजबूत पकड़ रखने के साथ एक-दो और भाषाओं के ज्ञाता है 62 वर्षीय येचुरी। मिलनसार स्वभाव वाले इस मृदुभाषी वाम नेता के कंधों पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की गहरे संकट में फंसी नाव को निकालने की जिम्मेदारी है।
किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

किसान की मौत और व्यवस्था का तिलिस्म

23 अप्रैल 2015 को दौसा के गजेंद्र सिंह के रूप में देश के हाहाकार ने जंतर-मंतर पर दम तोड़ दिया। उसकी चीखती खामोशी को सत्‍ता और मीडिया की धडक़नों में एक और हाहाकार के रूप में धड़कना चाहिए था।
केजरीवाल की माफी, रैली जारी रखना गलती

केजरीवाल की माफी, रैली जारी रखना गलती

आम आदमी पार्टी की किसान रैली में आत्महत्या करने वाले गजेंद्र सिंह की मौत पर पहली बार दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुप्‍पी तोड़ी है। एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्‍यू में केजरीवाल ने कहा, उस समय रैली जारी रखना मेरी गलती थी और मैं सबसे माफी मांगता हूं। इस मामले की पुलिस और मजिस्ट्रेट जांच चल रही है और जो भी इसका दोषी हो, उसे चाहे फांसी पर लटका दो। लेकिन बहस इसी पर केंद्रित होनी चाहिए कि किसान खुदकुशी क्‍यों कर रहे हैं।
गजेंद्र ने सत्ता, सिस्टम और राजनीति का मुंह नोंच लिया !

गजेंद्र ने सत्ता, सिस्टम और राजनीति का मुंह नोंच लिया !

ये आंकड़ा हर किसी को पता है कि इस देश में 1995 से अब तक साढ़े तीन लाख किसानों-खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। दैनिक औसत निकालें तो 50 लोग हर रोज जान दे रहे हैं। 20 साल में देश की सत्ता और सिस्टम इन मौतों के जिम्मेदारों की शिनाख्त नहीं कर पा रही है। चूंकि, शिनाख्त नहीं हुई इसलिए आगे की कार्रवाई की भी जरूरत नहीं। एक खेल चल रहा है जिसमें राजनीतिक दल एक-दूसरे को निशाना बना रहे हैं। उनका ध्यान समस्या ओर उसके समाधान पर नहीं है, बल्कि खुद को दूसरों से उजला, ईमानदार और संवेदनशील दिखाने पर है। ऐसे में कोई गजेंद्र मरे तो मरता रहे, उनकी बला से।
किसानों पर दोहरी मार, इस साल भी कमजोर मानसून की आशंका

किसानों पर दोहरी मार, इस साल भी कमजोर मानसून की आशंका

नई दिल्‍ली। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की मार झेल रहे किसानों पर इस साल दोहरी मार पड़ने जा रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल मानसून सामान्‍य से 7 फीसदी कम रहेगा। मानसून पर अल नीनो का खतरा मंडरा रहा है, जिसके चलते बारिश का इंतजार लंबा खिंच सकता है। गौरतलब है कि पिछले साल भी मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान देश में सामान्‍य से 12 फीसदी कम बारिश हुई थी। गौरतलब है कि भारत में 70 फीसदी बारिश मानसून सीजन के दौरान पड़ती है।
येचूरी के नेतृत्व में भाकपा के साथ क्या माकपा का होगा विलय

येचूरी के नेतृत्व में भाकपा के साथ क्या माकपा का होगा विलय

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की कमान सीताराम येचूरी के हाथों में आने के कई निहितार्थ हैं। सबसे पहला एजेंडा भाकपा के साथ विलय का संभावना पर विचार करना है। भाकपा का एक धड़ा लंबे समय से यह चाह रहा है, येचूरी ने इस ओर इशारा भी किया है। संकट के दौर में वाम दलों का एका एक लोकप्परिय समाधान के तौर पर देखा जा रहा है।
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