Advertisement

Search Result : "संविधान बचाओ"

चर्चाः कानून बनाओ, हजारों जान बचाओ | आलोक मेहता

चर्चाः कानून बनाओ, हजारों जान बचाओ | आलोक मेहता

नितिन गडकरी काबिल मंत्री होने के साथ अपनी स्पष्टवादिता के लिए भी मशहूर हैं। पार्टी हो या सरकार, जिस समय अधिकांश मंत्री-नेता अपनी सफलताओं के ढोल पीट रहे हैं, नितिन गडकरी ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर स्पष्ट शब्दों में माना कि ‘देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में हम विफल रहे हैं। हम दुःख के साथ स्वीकारते हुए सारे तथ्य और आंकड़ों की रिपोर्ट भी सार्वजनिक कर रहे हैं, क्योंकि दुनिया में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं भारत में हो रही हैं। प्रतिदिन 1410 दुर्घटनाओं में से 400 लोग मर रहे हैं।’ उन्होंने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ‘भारत में सड़क दुर्घटना रिपोर्ट-2015’ को जारी किया।
संविधान को बदल डालने की जरूरत - राम बहादुर राय

संविधान को बदल डालने की जरूरत - राम बहादुर राय

वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने एक नए संविधान की जरूरत बताई है। आउटलुक की प्रज्ञा सिंह से बातचीत में उन्होंने कहा कि संविधान पर नए सिरे से विचार किए जाने की जरूरत है।
'मोदी का सहारा ढूंढ रहे अमिताभ'

'मोदी का सहारा ढूंढ रहे अमिताभ'

नरेंद्र मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर भाजपा, सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए जश्न मनाने में मग्न है। इसी कड़ी में शनिवार को दिल्ली में आयोजित होने जा रहे एक मेगा शो की मेजबानी के लिए महानायक अमिताभ बच्चन को चुना गया है। लेकिन कांग्रेस ने पनामा पेपर्स विवाद को उठाते हुए अमिताभ बच्चन के शामिल होने पर आपत्ति जताई है। कांग्रेस के आरोपों पर अमिताभ बच्चन ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी और कांग्रेस को इसका जवाब दिया है कि वह पीएम के कार्यक्रम को होस्ट नहीं कर रहे हैं, बल्कि कार्यक्रम में ‘बेटी बचाओ’ सेगमेंट में एक छोटा सा किरदार निभा रहे हैं। अमिताभ ने बताया कि ‘बेटी बचाओ’ कार्यक्रम उनके दिल के बेहद करीब है लेकिन सोशल मीडिया पर इसे लेकर आरोपों-प्रत्यारोपों की झड़ी लगी हुई है-
बहस शुरु, क्या जल को समवर्ती सूची में शामिल कर लिया जाए

बहस शुरु, क्या जल को समवर्ती सूची में शामिल कर लिया जाए

भूजल स्तर में लगातार गिरावट आने, शहरों का विस्तार होने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं की कमी, जलवायु परिवर्तन, देश के 20 राज्यों में जल विषाक्तता के बीच जल के समुचित उपयोग एवं संरक्षण को लेकर एक समग्र, व्यापक राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग के साथ जल को संविधान की समवर्ती सूची में रखने के विचार पर बहस शुरू हो गई है।
चर्चाः नेहरू के बिना अंबेडकर-पटेल कैसे | आलोक मेहता

चर्चाः नेहरू के बिना अंबेडकर-पटेल कैसे | आलोक मेहता

महाराणा प्रताप को नमन करते समय अकबर के मुकाबले बहादुरी का ज्ञान किसी को दिया जा सकता है? इसी तरह पं. जवाहरलाल नेहरू के पहले प्रधानमंत्री बनने की जानकारी दिए बना संविधान निर्माता समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर और सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मरण किया जा सकेगा?
बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का संदेश इस बेटी के लिए नहीं है

बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का संदेश इस बेटी के लिए नहीं है

दिल्लीवासी अपने घरों और दफ्तरों में बैठकर गर्म मौसम को लेकर हाय तौबा कर रहे थे तब उसी भीषण गर्मी में हजारों मील दूर हैदराबाद से आई विलक्षण प्रतिभा की धनी आठ साल की नन्ही नीरजा अपने 83 साल के नाना के साथ संसद मार्ग पर इस आस में दिल्ली के नताओं के यहां दस्तक देने की कोशिश कर रही थी कि उसे अपने घर सिकंदराबाद के एक अच्छे स्कूल में दाखिला मिल सके।
सूखे से बढ़ी बाल मजदूरी की समस्या- कैलाश सत्यार्थी

सूखे से बढ़ी बाल मजदूरी की समस्या- कैलाश सत्यार्थी

सूखे का प्रभाव बच्चों पर भी पड़ने लगा है। बालश्रम के लिए कार्यरत संस्‍था बचपन बचाओ आंदोलन के संस्‍थापक और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने सूखे से प्रभावित बच्चों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है।
भाजपा सांसद ने की न्यायपालिका की टिप्पणियों पर रोक की मांग

भाजपा सांसद ने की न्यायपालिका की टिप्पणियों पर रोक की मांग

कार्यपालिका पर न्यायपालिका की ओर से की जाने वाली टिप्पणियों को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा ने लोकसभा में आज कड़ा रूख अपनाया और अदालतों द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद आदि पर की जाने वाली टिप्पणियों पर रोक लगाने या उसकी कोई सीमा तय करने की मांग की।
संविधान जिंदा दस्तावेज है पत्‍थर पर खुदा स्मृति चिह्न नहीं: प्रणव

संविधान जिंदा दस्तावेज है पत्‍थर पर खुदा स्मृति चिह्न नहीं: प्रणव

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज भोपाल के राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी में सुप्रीम कोर्ट के जजों की चौथी रीट्रीट का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने देश के प्रधान न्यायाधीश एवं अन्य वरिष्ठ न्यायाधीशों को इस रीट्रीट के आयोजन पर बधाई दी जिसके जरिये देश के सामने मौजूद चुनौतियों के साथ-साथ न्यायिक विवादों और निर्णयों के वैश्विक और पारदेशिक तत्वों पर विचार-विमर्श का मौका उपलब्‍ध होता है।
संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार मनाई आंबेडकर जयंती

संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार मनाई आंबेडकर जयंती

पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने बी आर आंबेडकर की जयंती मनाई और संस्था के एक शीर्ष अधिकारी ने इन प्रख्यात भारतीय समाज सुधारक को हाशिये पर जी रहे लोगों के लिए एक वैश्विक प्रतीक करार दिया और उनके विजन को पूरा करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की इस वैश्विक निकाय की कटिबद्धता प्रदर्शित की।
Advertisement
Advertisement
Advertisement