लोकसभा में गुरुवार को सुषमा के भावनात्मक बयान को सोनिया ने नाटक करार दिया है। सोनिया गांधी ने कहा कि मैं उस महिला की मदद की अपनी ओर से पूरी कोशिश करती लेकिन मैं नियम तोड़कर ऐसा नहीं करती।
सुषमा ने कहा कि ललित मोदी की पत्नी पिछले 17 साल से कैंसर से पीड़ित हैं, उनके खिलाफ कोई केस नहीं है और उन्होंने कोई चोरी नहीं की है। मैंने यात्रा के दस्तावेज के लिए सिफारिश की थी। मैंने मानवीय आधार पर संदेश ब्रिटिश सरकार तक पहुंचाया, अगर मेरी जगह सोनिया जी होतीं तो क्या करतीं।
संसद का मानसून सत्र चलने के लिए भले ही सरकार विपक्ष को दोषी ठहरा रही हो लेकिन बिहार के भाजपा सांसदों को निर्दश दिया गया कि पहले क्षेत्र को संभालिए। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में जगह-जगह सभाओं का आयोजन किया जा रहा है और इसके लिए सांसदों का रहना जरूरी है। ऐसे में पार्टी की ओर से यह निर्देश मिला है कि सांसद पहले क्षेत्र संभालें संसद तो ऐसे ही चलती रहेगी।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के एक फैसले ने पूरे विपक्ष को एकजुट कर दिया। वहीं कांग्रेस भी पूरी तरह से आक्रामक मुद्रा में आ गई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी पूरे जोश के साथ सरकार के खिलाफ खड़े हैं।
संसद में हो रहे व्यवधान को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस की व्यवधानकारी, नकारात्मक रणनीति पर प्रस्ताव पारित किया है। पार्टी की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के निर्धारित प्रयासों में बाधा उत्पन्न करने के लिए कांग्रेस ऐसा कर रही है।
लोकसभा में अपने पच्चीस सांसदों के निलंबन के बाद आक्रामक हुई कांग्रेस अब पूरे देश में लोकसभा अध्यक्ष और सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन की तैयारी कर रही है। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने निलंबन को अलोकतांत्रिक बताया और कहा कि लोकतंत्र की हत्या हुई है।
लोकसभा में 25 सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस का विरोध जोर पकड़ रहा है। आज कांग्रेस सांसदों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नेतृत्व में संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया। राहुल गांधी ने कहा व्यापमं, ललितगेट और भूमि विधेयक के मुद्दे पर हम पूरे देश में सरकार को घेरेंगे। इस बीच, संसद के दोनों सदनों में भी गतिरोध बरकरार रहा।
संसद में गतिरोध कम करने के लिए सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में ही कांग्रेस ने आक्रामक रूख अख्तियार कर लिया था। बैठक में कांग्रेस की ओर से साफ तौर पर कहा गया कि जब तक सरकार विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का इस्तीफा नहीं मांगती तब तक संसद में कामकाज नहीं होने दिया जाएगा।
भूमि अधिग्रहण विधेयक की पड़ताल करने वाली संसद की संयुक्त समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए और चार दिन का समय दे दिया गया है। समिति की हाल ही में हुई बैठक में रिपोर्ट सौंपने के लिए पांच अगस्त तक दो और दिन का विस्तार मांगे जाने का फैसला किया गया था। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन के कारण समिति की बैठक दो दिन तक नहीं हो सकी, इसलिए सात अगस्त तक का समय विस्तार मांगने का फैसला किया गया।